Decision: आपकी रसोई का बजट कम करने के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, खाद्य तेलों पर आयात शुल्क खत्म; चीनी भी होगी सस्ती

रेटिंग करने वाली एजेंसी इक्रा के मुताबिक पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद अब कई कच्चे माल पर आयात शुल्क को घटाने से महंगाई की दर 7 फीसदी हो सकती है। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर 7.78 फीसदी रही थी। जरूरी चीजों की कीमत कम होने से खपत में बढ़ोतरी होगी।

Avatar Written by: May 25, 2022 7:21 am
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नई दिल्ली। आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए पहले पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर से एक्साइड ड्यूटी में कटौती की। अब एक और फैसला लेते हुए मोदी सरकार ने मार्च 2024 तक कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल के आयात पर शुल्क खत्म कर दिया है। इसके अलावा इन खाद्य तेलों के आयात पर कृषि सेस भी नहीं लगेगा। बीती रात से ही फैसला लागू हो गया है। वहीं, एक अन्य फैसले में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाई गई है। खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क खत्म करने का नोटिफिकेशन वित्त मंत्रालय ने जारी कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड CBIC ने भी बताया है कि इससे महंगाई पर अंकुश लगेगा। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 60 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है।

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खाद्य तेलों की बात करें, तो पिछले महीनों में इनके खुदरा कीमतों में 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इनकी कीमत में बढ़ोतरी से महंगाई का सूचकांक भी बढ़ता है। बात करें चीन की तो, 2021 के अक्टूबर से इस साल सितंबर तक के सीजन में से अब तक 75 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है। अभी चीनी की खुदरा कीमत 41 रुपए है। निर्यात रोकने से इसके दाम भी कम होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक सरकार पहले ही गेहूं के निर्यात पर सशर्त रोक लगा चुकी है। इसके बाद अब कपास को भी शुल्क मुक्त की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इसकी कीमतों में भी इजाफा हो रहा है और कपड़ों की कीमत बढ़ने से भी महंगाई बढ़ती है।

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रेटिंग करने वाली एजेंसी इक्रा के मुताबिक पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद अब कई कच्चे माल पर आयात शुल्क को घटाने से महंगाई की दर 7 फीसदी हो सकती है। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर 7.78 फीसदी रही थी। जरूरी चीजों की कीमत कम होने से खपत में बढ़ोतरी होगी। इससे उत्पादन भी तेज होगा। यूक्रेन और रूस की जंग की वजह से मूल रूप से महंगाई बढ़ने की बात की जा रही है। ऐसे में मोदी सरकार को शुल्क घटाकर या मुक्त करने का कदम उठाना पड़ा है।