newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Mukesh Ambani Z Plus Security: देश के साथ अब विदेश में भी मुकेश अंबानी और परिवार को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश

मुकेश अंबानी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि देश की आर्थिक स्थिरता को जो खतरा पैदा करना चाहते हैं, उनसे मुकेश अंबानी और उनके परिवार के लोगों को खतरा है।

नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के लोगों को देश के अलावा विदेश में भी जेड प्लस सुरक्षा मुहैया होगी। इसके लिए अंबानी परिवार खुद खर्च उठाएगा। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के बाद अंबानी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा देने के आदेश जारी किए। मुकेश अंबानी और उनके परिजनों को जेड प्लस सुरक्षा देने के खिलाफ त्रिपुरा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई थी। याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट आया। यहां से अब सरकार को आदेश दिए गए हैं कि वो देश-विदेश में जेड प्लस सुरक्षा दे।

Ambani 123

अंबानी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला महाराष्ट्र सरकार ने किया था। जिसके आधार पर केंद्र की तरफ से सुरक्षाकर्मी दिए गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार ने साल 2022 में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अंबानी परिवार की सुरक्षा को खतरा है। मुकेश अंबानी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि देश की आर्थिक स्थिरता को जो खतरा पैदा करना चाहते हैं, उनसे मुकेश अंबानी और उनके परिवार के लोगों को खतरा है। सारी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2022 को त्रिपुरा हाईकोर्ट के उसे आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें अंबानी परिवार की सुरक्षा पर सवाल उठाए गए थे। हाईकोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारी को पेश होकर सफाई देने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अंबानी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा दी है। इस मामले में पहले दाखिल हुई एक याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुके हैं। अंबानी को सुरक्षा देने का मामला भी त्रिपुरा से संबंध नहीं रखता है। इन सब दलीलों को भी सुप्रीम कोर्ट ने सही पाया।