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GQG Partners: अडानी ग्रुप में निवेश कर जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन ने 3 दिन में ही कमाया मोटा पैसा, जानिए कितनी रकम थी लगाई
राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और सह संस्थापक हैं। इसके अलावा वो ग्रुप के चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर भी हैं। जीक्यूजी किन कंपनियों में निवेश करेगा, ये फैसला राजीव जैन ही करते हैं। जीक्यूजी से पहले वो वॉनटोबेल एसेट मैनेजमेंट में चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर थे।
मुंबई। शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर्स ने गोता लगा दिया था। 24 जनवरी से फरवरी के अंत तक अडानी ग्रुप की हालत बहुत खराब रही। नेटवर्थ घटने से गौतम अडानी भी दुनिया के तीसरे नंबर के अमीर से 37वें नंबर पर जा पहुंचे थे। अब अडानी ग्रुप एक बार फिर वापसी करता दिख रहा है। तीन दिन पहले अमेरिकी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 15446 करोड़ रुपए कीमत के शेयर खरीदे थे। इसके बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयर्स ने फिर उड़ान भरनी शुरू कर दी है। इससे जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन ने भी बड़ा मुनाफा कमाया है।
सोमवार शाम तक की बात करें, तो राजीव जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स को अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश से 3 ही दिन में 4245 करोड़ का मुनाफा हो चुका था। उसने 15446 करोड़ के शेयर खरीदे थे। इन शेयर्स की कीमत 19691 करोड़ हो चुकी है। आज शेयर बाजार में अगर अडानी ग्रुप के शेयर्स ने उछाल भरनी जारी रखी, तो इससे राजीव जैन को और फायदा होने की उम्मीद है। राजीव जैन ने गौतम अडानी की कंपनियों में निवेश के बारे में कहा था कि उनको उम्मीद है कि अडानी ग्रुप बेहतर प्रदर्शन करेगा। राजीव जैन ने हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को भी दरकिनार कर दिया था।
जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन।
राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और सह संस्थापक हैं। इसके अलावा वो ग्रुप के चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर भी हैं। जीक्यूजी किन कंपनियों में निवेश करेगा, ये फैसला राजीव जैन ही करते हैं। जीक्यूजी से पहले वो वॉनटोबेल एसेट मैनेजमेंट में चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर थे। 1994 में पोर्टफोलियो मैनेजर का काम शुरू करने वाले राजीव जैन इतनी तगड़ी सोच रखते हैं कि जीक्यूजी पार्टनर्स को उन्होंने 92 अरब डॉलर के नेटवर्थ वाली कंपनी बना डाली है। राजीव जैन भारत में पैदा हुए। फिर 1990 में अमेरिका जाकर एमबीए किया। उन्होंने 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स की स्थापना की थी। उन्होंने आईपीओ से ऑस्ट्रेलिया में 893 मिलियन डॉलर भी जुटाए। पिछले साल भी उनकी कंपनी ने 8 बिलियन डॉलर का निवेश जुटाया था। कच्चे तेल, बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में राजीव जैन निवेश करवाते हैं। उनका कहना है कि इन क्षेत्रों की कंपनियां हमेशा फायदा देती हैं।