RBI: अडानी ग्रुप को लेकर मचे कोहराम के बीच RBI का बड़ा बयान, कह दी ये बड़ी बात

Adani Group : आरबीआई ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि अडानी ग्रुप में आए भूचाल के बाद जिस तरह से देश की बैंकिंग व्यवस्था को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, असल में ऐसा कुछ भी नहीं है, बल्कि सच्चाई यह है कि देश की बैंकिंग व्यवस्था बिल्कुल दुरूस्त है।

सचिन कुमार Written by: February 3, 2023 8:26 pm

नई दिल्ली। व्यापारिक दुनिया में अभी कोहराम मचा हुआ है और इस कोहराम की मुख्य वजह अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट है। दावा है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी की खस्ता हो चुकी आर्थिक हालत की कलई खोलकर रख दी है। जिसके बाद से ही शेयर बाजार में भूचाल मचा हुआ है। अडानी की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। निवेशक शेयर में पैसा लगाने से गुरेज ही कर रहे हैं। वहीं खबर है कि अडानी को कई बैंकों ने भारी भरकम कर्ज दिया है और यह सारा पैसा आम लोगों का है, जिसके बाद से लगातार यह खबर प्रसारित की जा रही है कि क्या बैंकों की हालत पस्त हो चुकी है? क्या बैंकों के पास अब आम लोगों के लोन देने के लिए पैसा नहीं है? क्या देश की बैंकिंग व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है? जिसके बाद अब आम लोग बैंकिंग व्यवस्था को लेकर दिगभ्रमित हो रहे हैं। अब इसी को लेकर आरबीआई ने बड़ा बयान जारी कर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दिया है। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आरबीआई ने अपने बयान में क्या कुछ कहा है?

Gautam Adani

आपको बता दें कि आरबीआई ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि अडानी ग्रुप में आए भूचाल के बाद जिस तरह से देश की बैंकिंग व्यवस्था को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, असल में ऐसा कुछ भी नहीं है, बल्कि सच्चाई यह है कि देश की बैंकिंग व्यवस्था बिल्कुल दुरूस्त है। देश के सभी बैंकों की स्थिति स्थिर है। लिहाजा आम लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि देश का केंद्रीय बैंक होने के नाते हम सभी बैंकों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और गतिविधियों पर विशेष निगरानी रख रहे हैं।

आरबीआई ने आगे अपने बयान में विस्तार से बताया कि नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में, RBI वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की दृष्टि से बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है। RBI के पास बड़े क्रेडिट (CRILC) डेटाबेस सिस्टम पर सूचना का एक केंद्रीय भंडार है, जहां बैंक अपने ₹ 5 करोड़ और उससे अधिक के जोखिम की रिपोर्ट करते हैं। जिसका उपयोग निगरानी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। आरबीआई के वर्तमान आकलन के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र लचीला और स्थिर बना हुआ है। पूंजी पर्याप्तता, परिसंपत्ति गुणवत्ता, तरलता, प्रावधान कवरेज और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड स्वस्थ हैं। बैंक आरबीआई द्वारा जारी बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) दिशानिर्देशों के अनुपालन में भी हैं। आरबीआई सतर्क रहता है और भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी करना जारी रखता है।

उधर, इस पूरे मसले को लेकर संसद में भी बवाल का सिलसिला जारी है। विपक्षी दलों की ओर से केंद्र से पूरे मामले की जांच की मांग की जा रही है, लेकिन आज केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया है कि इसमें सरकार का कोई लेना देना नहीं है। साथ ही आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उक्त प्रकरण पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने भी कहा कि हम पूरे मामले पर नजर बनाए हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इसमें सरकार का कोई लेना देना नहीं है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में अडानी ग्रुप इस भूचाल के मद्देनजर क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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