Indian Railways: इस ट्रेन को 8.50 करोड़ का हुआ घाटा, रोज करोड़ो सीटें खाली रहती हैं

Indian Railways: दरअसल, इस ट्रेन में यात्र‍ियों के कम सफर करने की वजह से ट्रेन घाटे में चल रही है। इस कारण तेजस के फेयर भी कम कर द‍िए गए हैं

Avatar Written by: August 25, 2022 3:25 pm

नई दिल्ली। अगर क‍िसी एक खास ट्रेन के 63 करोड़ रुपये का घाटा देने की न्यूज आपको पता चलें तो शायद पहली बार में आपको यकीन न हो और आप सोचने पर मजबूर हो जाएं। लेक‍िन यही पूरी तरह सच है। दरअसल, भारतीय रेलवे की ओर से तीन साल पहले तेजस ट्रेनों का संचालन प्राइवेट ऑपरेटर्स के हाथों में सौंपा गया था। यह पहली बार था जब रेलवे ने यह उपयोग क‍िया। लेकिन रेलवे का यह प्रयोग सफल नहीं हो पाया। फ‍िलहाल दिल्ली से लखनऊ और मुंबई से अहमदाबाद के ल‍िए तेजस ट्रेनों का संचालन क‍िया जाता है। ये दोनों ही ट्रेनें बड़े घाटे में चली गई हैं। द‍िल्‍ली से लखनऊ वाया कानपुर सेंट्रल चलने वाली तेजस इस समय 27.52 करोड़ के घाटे में है। दरअसल, इस ट्रेन में यात्र‍ियों के कम सफर करने की वजह से ट्रेन घाटे में चल रही है। इस कारण तेजस के फेयर भी कम कर द‍िए गए हैं।

ट्रेन में सीटें खाली रहने का कारण

ट्रेन में सीट खाली रहने के दो मुख्य कारण बताए गए हैं। पहला यह क‍ि तेजस एक्‍सप्रेस के आगे राजधानी और शताब्दी ट्रेन चलती हैं। इन दोनों ही ट्रेनों में यात्र‍ियों को अच्‍छी सुव‍िधाएं प्राप्त हैं और इनका क‍िराया भी तेजस की अपेक्षा कम है। ऐसे में लोग राजधानी / शताब्‍दी में ट‍िकट नहीं म‍िलने पर ही तेजस का ट‍िकट बुक कर लेते हैं। न‍िजी ऑपरेटर्स के साथ ट्रेन से लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री ने फिलहाल क‍िसी दूसरी ट्रेन प्राइवेट ऑपरेटर को देने का न‍िर्णय मना कर द‍िया है।

कब क‍ितना हुआ घाटा

कोरोना महामारी के बाद तेजस की फ्रीक्वेंसी कम-ज्‍यादा की गई। पेसेन्जर्स की संख्‍या कम होने पर 2019 से 2022 के बीच इसको 5 बार अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। लखनऊ से नई दिल्ली रूट की ओर जाने वाली इस ट्रेन को 2019-20 में 2.33 करोड़ का फायदा हुआ था। इसके बाद कोव‍िड के वक्त 2020-21 में 16.69 करोड़ का नुकसान और 2021-22 में 8.50 करोड़ का घाटा हो चुका है।