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Patanjali: हल्दीराम ही नहीं पतंजलि के प्रोडक्ट में भी होता है उर्दू का इस्तेमाल, लोग ऐसे दे रहे रिएक्शन

Patanjali: एक तरफ जहां बाबा रामदेव भारतीयता, हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और स्वदेशीकरण की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उनके उपकर्म द्वारा उत्पादित किए गए उत्पाद में उर्दू शब्दों का दबदबा हजम नहीं होता है, उनके उत्पादों पर प्रकाशित ये दो अदद उर्दू शब्द उनके दोहरे मापदंड को जगजाहिर कर रहने के साथ उन्हें सवालिया कठघरे में खड़ा करते हुए नजर आ रहे हैं और सवाल यह है कि क्या बाबा रामदेव का स्वदेशीकरण महज अल्फाजों तक ही सीमित हैं या उसका असल जीवन से भी कोई सरोकार है।

नई दिल्ली। लोकप्रिय भारतीय स्नैक्स कंपनी हल्दीराम सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल मशहूर भारतीय ब्रॉड हल्दीराम रेस्तरां का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। जिसमें हल्दीराम पैकेट पर उर्दू भाषा का प्रयोग किया है। जिसको लेकर अब हल्दीराम पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं ट्विटर पर भी हैस टैग हल्दीराम पर काफी तेजी से ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि टीवी चैनल की एक रिपोर्टर रेस्तरां की महिला कर्मचारियों के साथ स्नैक्स के पैकेट को लेकर बहस कर रही है। रिपोर्टर स्टोर की महिला कर्मचारी से बार-बार पूछती है कि इसमें उर्दू में क्यों लिखा है। जिस पर महिला कर्मचारी कहती है कि अब आपको उसी भाषा को क्यों पड़ना है जो आपको नहीं आती है। वहीं अब सोशल मीडिया पर ये हॉट टॉपिक बना गया है।

एक तरफ जहां बाबा रामदेव भारतीयता, हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और स्वदेशीकरण की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उनके उपकर्म द्वारा उत्पादित किए गए उत्पाद में उर्दू शब्दों का दबदबा हजम नहीं होता है, उनके उत्पादों पर प्रकाशित ये दो अदद उर्दू शब्द उनके दोहरे मापदंड को जगजाहिर कर रहने के साथ उन्हें सवालिया कठघरे में खड़ा करते हुए नजर आ रहे हैं और सवाल यह है कि क्या बाबा रामदेव का स्वदेशीकरण महज अल्फाजों तक ही सीमित हैं या उसका असल जीवन से भी कोई सरोकार है। इसका जवाब तो फिलहाल बाबा रामदेव ही दे पाएंगे। उधर अब कुछ लोग योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि के प्रोडक्ट को निशाने पर ले रहे है। उनके प्रोडक्ट की फोटो भी साझा कर रहे है। साथ ही उनके प्रोडक्ट की बायकॉट करने की भी मांग कर रहे है।


लेकिन सवाल ये भी उठता है कि क्या आखिर हल्दीराम ही एकमात्र कंपनी है जो सिर्फ अपने प्रोडक्ट पर उर्दू भाषा का इस्तेमाल करती है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। मगर हम आपको बता दें कि कई कपंनियां ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए हिंदी, इंग्लिश भाषा का इस्तेमाल करती हैं जिससे की ग्राहक अपनी भाषा के अनुसार उस प्रोडक्ट के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। इसके अलावा भारतीय नोटों पर भी इन तीनों भाषाओं के साथ कई भाषा इस्तेमाल किया जाता है।