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Gold Price in India: क्या है देश में सोने का उच्चतम स्तर, कैसे तय होती है कीमत

Gold Price in India: फाइनिंशयल प्रॉडक्ट्स और सर्विसेस के लिए ब्याज दरों का सीधा संबंध सोने की मांग से होता है। करंट गोल्ड प्राइस किसी भी देश में इंट्रेस्ट रेट्स के लिए भरोसेमंद संकेतों की तरह माने जाते हैं।

नई दिल्ली। पीली धातु यानि सोना, हमारे देश में इसे शुभ भी माना जाता है और निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प भी। सोने के गहनों का शौक महिलाओं के साथ ही बहुत से पुरूषों को भी होता है। हालां,कि बेहद कम लोग ही ये जानते हैं कि सोने का भाव कैसे तय किया जाता है? किन-किन चीजों का इस पर असर पड़ता है और भारत में अब तक सोने का सर्वकालिक उच्चतम स्तर यानि ऑल टाइम हाइ प्राइस कितना रहा है? सोने के दाम तय करने में कुछ फैक्टर्स अहम भूमिका निभाते हैं। मसलन महंगाई, बाजार में जब महंगाई बढ़ती है तब सोने की मांग काफी बढ़ जाती है और महंगाई के कम होने पर सोने की मांग कम भी होती है। ऐसे में महंगाई का बढ़ना-घटना भी सोने की कीमतों पर असर डालता है। दूसरा फैक्टर है सरकार का गोल्ड रिज़र्व, अलग अलग देशों के सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व रखते हैं। जब-जब सेंट्रल बैंक ऐसा करते हैं, तब सोने के दाम बढ़ जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस परिस्थिति में बाजार में करंसी का फ्लो बढ़ जाता है और सोने की सप्लाई कम हो जाती है।

इसके अलावा, ग्लोबल मूवमेंट पर किसी भी तरह के बदलाव का असर भारत में सोने की कीमत पर भी पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत सोने के सबसे बड़े आयातक देशों में से एक है। ऐसे में जब किसी ग्लोबल मूवमेंट की वजह से एक्सपोर्ट करने वाला देश सोने पर आयात शुल्क बढ़ा देते हैं, तब भी इसका असर भारत में दिखता है और सोना महंगा हो जाता है। इसके साथ ही दुनिया में किसी भी तरह का तनाव पैदा होने पर भी सोने के दाम बढ़ जाते हैं, जैसा कि मौजूदा वक्त में देखने को मिल रहा है जब रूस-यूक्रेन के बीच बिगड़ते हालातों के कारण भारत में सोने की कीमत 50 हज़ार के पार पहुंच चुकी है। सोने का ताजा भाव 51,720 रूपए है।

फाइनिंशयल प्रॉडक्ट्स और सर्विसेस के लिए ब्याज दरों का सीधा संबंध सोने की मांग से होता है। करंट गोल्ड प्राइस किसी भी देश में इंट्रेस्ट रेट्स के लिए भरोसेमंद संकेतों की तरह माने जाते हैं। ब्याज दरों में कमी की वजह से ग्राहक कैश के बदले सोना बेचने लगते हैं और इससे गोल्ड की सप्लाई बढ़ जाती है और फिर इसके दाम कम हो जाते हैं। इसी तरह जब इंट्रेस्ट रेट्स कम होते हैं तब सोने की मांग बढ़ती है और इसकी कीमत में भी बढ़ोतरी हो जाती है। इन सभी पहलुओं के साथ भारत में त्योहारों के दौरान ज्वैलरी मार्केट में सोने की बढ़ती मांग भी उसकी कीमतों पर सीधा असर डालती है। बात अगर सोने के ऑल टाइम हाइ प्राइस की करें तो अगस्त 2020 में कोरोना काल के दौरान सोना भारत में अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था, जब राजधानी दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत 57 हज़ार रूपए तक पहुंच गई थी।