नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के कुल मामले 2 करोड़ के करीब पहुंच गए हैं। वहीं 7.29 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब बड़ी संख्या उन लोगों की है जिनमें कोरोना के कोई लक्षण ही नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस पर सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इंफेक्शस डिज़ीज़ स्पेशलिस्ट मोनिका गांधी ने एक शोध किया है।
अपने शोध में उन्होंने कहा है कि दुनिया में अब 40 फीसदी कोरोना मरीज एसिम्प्टोमैटिक यानी गैर लक्षणी हैं और यह कोविड-19 के खात्मे में अहम हो सकते हैं। मोनिका गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस के एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की उच्च दर अच्छी बात है। यह निजी तौर पर और समाज के लिए अच्छा है। बिना लक्षणों वाले संक्रमितों के ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं। जैसे बोस्टन के होमलेस शेल्टर में 147 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। इनमें से 88 फीसदी एसिम्प्टोमैटिक हैं। आर्क में टाइसन फूड्स पॉल्ट्री प्लांट में 481 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। इनमें से 95 फीसदी में कोई लक्षण नहीं है।
जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में इस महीने प्रकाशित एक लेख में मोनिका गांधी ने बताया कि महामारी की शुरुआत में जब लोगों ने मास्क पहनना शुरू नहीं किया था, तब 15 फीसदी लोग एसिम्प्टोमैटिक थे। लेकिन बाद में जब लोगों ने मास्क पहनना शुरू किया तो 40 से 45 फीसदी लोग गैर लक्षणी हो गए।
बता दें कि भारत में रविवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 64 हजार 399 नए मामले सामने आए हैं वहीं 861 मौतें दर्ज हुईं हैं। इसके अलावा अगर कोरोना के कुल मामलों की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अबतक 21 लाख 53 हजार 011 मामले कोरोना के सामने आए हैं। जिनमें 6 लाख 28 हजार 747 मामले सक्रिय हैं। वहीं इस महामारी से ठीक होने वालों की संख्या 14 लाख 80 हजार 885 हो गई है। इसके अलावा कोरोना से मरने वालों की संख्या देश में अबतक 43 हजार 379 पहुंच चुकी है।