
नई दिल्ली। इजरायल में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है। वहीं चीन, हांगकांग और यूरोप के कुछ देशों में कोरोना एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। ऐसे में भारत में भी इसकी चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर्स ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल मई से अक्टूबर के बीच चौथी लहर आएगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा हो सकता है, लेकिन इस बार लहर आई, तो वो काफी कमजोर होगी। बता दें कि अभी कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के BA2 सब वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में इसके एक दिन में 6 लाख मरीज मिले हैं। वहीं, चीन और हांगकांग में भी बड़ी तादाद में मरीज मिल रहे हैं।
भारत में कोरोना की तीसरी लहर दिसंबर 2021 में आई थी और फरवरी तक रही थी। इस दौरान बहुत कम लोग बीमार पड़े हैं। वैक्सीनेशन की दर बहुत ज्यादा होने की वजह से भी लोगों की इम्युनिटी बढ़ी है। अब बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है। तमाम एक्सपर्ट कह रहे हैं कि चौथी लहर आएगी जरूर, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं होगी। ओमिक्रॉन वैरिएंट में अब तक 50 से ज्यादा म्युटेशन यानी बदलाव हो चुके हैं। ये वैरिएंट सबसे पहले 2021 के नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में मिला था और देखते ही देखते दुनियाभर में छा गया था। ओमिक्रॉन वैरिएंट इतना संक्रामक है कि इसकी वजह से लाखों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, कम लोगों की ही जान गई।
महाराष्ट्र सरकार के कोविड टास्क फोर्स के मेंबर डॉ. शशांक जोशी के हवाले से हिंदी अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ ने कहा है कि तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन के दो वैरिएंट बीए-1 और बीए-2 साने आए थे। जोशी ने इजरायल में मिले नए वैरिएंट के बारे में कहा है कि अभी इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने चिंता वाला नहीं बताया है। इस वजह से अभी डरने की जरूरत नहीं है। फिर भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।