बिहार : पूर्णिया में पुस्तकों की कमी दूर करने के लिए लिए ‘पुस्तक दान अभियान’

पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने आईएएनएस को बताया कि पुस्तक दान महादान अभियान के तहत 31 मार्च 2020 तक एक लाख पुस्तकें जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

Avatar Written by: January 26, 2020 11:05 am
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नई दिल्ली। बिहार के पूर्णिया जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों को बौद्घिक शिक्षा और ज्ञानवद्र्घन में पुस्तकों की कमी दूर करने के लिए अनोखी पहल शुरू की। इसके तहत जिला प्रशासन सभी स्कूलों में पुस्तकालय खोलने और इन पुस्तकालयों में लोगों से पुस्तक दान करने की अपील की है। जिला प्रशासन इसके लिए पुस्तक दान, महादान अभियान प्रारंभ किया। जिला प्रशासन का कहना है कि अगर सभी स्कूलों में पुस्तकालय होंगे तो छात्रों की पढ़ाई में किताबों की कमी कभी बाधक नहीं बन सकेगी।

सांकेतिक तस्वीर

पूर्णिया जिले के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इसके लिए 25 जनवरी से जिले में पुस्तक दान अभियान की शुरुआत की गई। इस पुस्तक दान अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी राहुल कुमार पुस्तक दान कर करेंगे।

इस अभियान की सफलता को लेकर जिले में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सतीश कुमार वर्मा, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी उज्जवल कुमार और लेखा पदाधिकारी शशि शेखर शर्मा को रखा गया है।

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इस अभियान को लेकर जिले के हर प्रखंड में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अलावा वरीय साधनसेवी एवं प्रखंड के एक कर्मी को शामिल किया जाएगा। इस अभियान के तहत पुस्तक दान करने वालों के नाम एवं पते तथा दान की गई पुस्तकों का पूर्ण ब्यौरा दर्ज करने के लिए एक पंजी बनाई जाएगी। पुस्तक दान करने वालों को जिला प्रशासन आभार पत्र सौंपेगा तथा उत्साहवद्र्घन के लिए दानकर्ताओं पुरस्कृत करने की भी योजना बनाई जा रही है।

पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने आईएएनएस को बताया कि पुस्तक दान महादान अभियान के तहत 31 मार्च 2020 तक एक लाख पुस्तकें जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पूर्णिया में 2255 विद्यालय वर्ग एक से 12 वीं तक के हैं। इनमें किसी भी स्कूल में सही ढंग के पुस्तकालय नहीं है।

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उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत लोग स्वेच्छा से किताब दान कर सकेंगे, जिसे पुस्तकालयों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों से स्कूली पाठ्य पुस्तकों के अलावा महापुरुषों पर किताबों और ज्ञानवद्र्घक किताबों को दान करने का आग्रह किया जाएगा।