नई दिल्ली। सीबीएसई की पढाई कर रहे उन छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है जो भाषाओं के बैरियर के कारण जूझ रहे थे। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा फैसला किया है जिसके बाद भाषा का ये बैरियर समाप्त हो जाएगा। बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों से शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने का आग्रह किया है। यह निर्णय शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के उपाय तैयार करने के बाद आया है। इसके बाद, सीबीएसई ने अपने स्कूलों को एक-दूसरे के साथ सहयोग करने और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके उन्हें द्विभाषी शिक्षा के लिए उपयुक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
Appreciating CBSE for encouraging its affiliated schools to use Indian languages (mother tongue) as a medium of instruction and adapting multilingual education, in line with the vision of National Education Policy, 2020. This provides a significant cognitive advantage to young… pic.twitter.com/Tq25frLj0d
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 21, 2023
अब तक, सीबीएसई स्कूल केवल अंग्रेजी और हिंदी माध्यम का विकल्प देते थे। हालाँकि, अब उन्हें प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक शिक्षा के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय और मातृभाषा भाषाओं की पेशकश करने का विकल्प प्रदान किया गया है। सीबीएसई का दावा है कि यह कदम एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप है। बोर्ड ने देश भर में अपने सभी संबद्ध स्कूलों तक पहुंच बनाई है और उनसे अनुरोध किया है कि जब भी संभव हो क्षेत्रीय या मातृभाषा भाषाओं में शिक्षा के विकल्प पेश किए जाएं। इसके अलावा, स्कूलों को इस प्रयास को उच्च कक्षाओं, 8वीं कक्षा तक और उससे आगे तक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकें, जो स्कूलों में उपयोग की जाती हैं, भारत की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य इन पाठ्यपुस्तकों को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 विभिन्न भारतीय भाषाओं में विकसित करना है। मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य देशभर में छात्रों की विविध भाषाई आवश्यकताओं को पूरा करते हुए छात्रों को उनकी क्षेत्रीय या मातृभाषा भाषाओं में शिक्षा प्रदान करना है। इस संबंध में पाठ्यपुस्तकों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के विषय पर चर्चा के लिए मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हो चुकी है, जिसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कर रहे हैं।