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निर्वाचित छात्र-परिषद के प्रति सेंट जेवियर्स कॉलेज प्रशासन का वैचारिक पूर्वाग्रह दुर्भाग्यपूर्ण: ABVP

ABVP: अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री अंकिता पवार ने कहा कि,” वैचारिक पूर्वाग्रह के कारण सेंट जेवियर्स कॉलेज प्रशासन ने निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया तथा गैर-जरूरी टिप्पणियां की, यह कॉलेज प्रशासन के द्वारा अपेक्षित व्यवहार के विपरीत दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य था। सेंट जेवियर्स कॉलेज छात्र परिषद के चुनाव में छात्रों के जनमत का सम्मान करते हुए अविलंब शपथ ग्रहण कराना होगा और छात्रों की गतिविधियों में प्रशासन को सहयोग करना होगा।”

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोवा के मापुसा स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज को बर्देज़ डिप्टी कलेक्टर द्वारा निश्चित समय-सीमा के भीतर निर्वाचित छात्र परिषद को शपथ ग्रहण कराने का निर्देश दिए जाने का स्वागत करती है। दो महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद भी सेंट जेवियर्स कॉलेज का प्रशासन, निर्वाचित छात्र परिषद को कार्यभार नहीं सौंप रहा था, जिसके कारण छात्र आंदोलनरत थे। गोवा विश्वविद्यालय के सेंट जेवियर्स कॉलेज छात्र परिषद के निर्वाचित महामंत्री साहिल महाजन ने कहा कि, “08 नवंबर 2022 को छात्र परिषद के चुनाव हुए थे, लेकिन अभी तक कॉलेज प्रशासन ने शपथ ग्रहण नहीं करवाया। डिप्टी कलेक्टर के आदेशानुसार अब शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के जनमत और लोकतांत्रिक आवाजों को लगातार अनसुना किया, यह निंदनीय है। हम छात्र परिषद के शपथ ग्रहण के उपरांत छात्रों के हित में बहुआयामी गतिविधियां संचालित करेंगे।”

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री अंकिता पवार ने कहा कि,” वैचारिक पूर्वाग्रह के कारण सेंट जेवियर्स कॉलेज प्रशासन ने निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया तथा गैर-जरूरी टिप्पणियां की, यह कॉलेज प्रशासन के द्वारा अपेक्षित व्यवहार के विपरीत दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य था। सेंट जेवियर्स कॉलेज छात्र परिषद के चुनाव में छात्रों के जनमत का सम्मान करते हुए अविलंब शपथ ग्रहण कराना होगा और छात्रों की गतिविधियों में प्रशासन को सहयोग करना होगा।”

ankita pawar abvp

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,”निर्वाचित छात्र परिषद को लंबे समय तक शपथ ग्रहण नहीं करवाना‌ सेंट जेवियर्स कॉलेज प्रशासन के अलोकतांत्रिक चरित्र को उजागर करने वाला है। अभाविप के नेतृत्व में हुए छात्रों के आंदोलन के उपरांत स्थानीय प्रशासन के तय समय-सीमा के अंदर शपथ ग्रहण करवाने संबंधी आदेश से छात्रों की बड़ी जीत हुई है। छात्र-छात्राओं के व्यापक हितों में छात्रसंघ तथा छात्र परिषद को सुचारू रूप से संचालित किया जाना आवश्यक है।”