newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

तो सरकार को 4800 करोड़ का नुकसान ना हो इसलिए करवाना चाहती है JEE, NEET परीक्षा? जानिए मंत्री जी के बयान का असली सच

जेईई परीक्षा(JEE Exam) एक से 6 सितंबर के बीच होगी और नीट(NEET) की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी। इस साल जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है।

नई दिल्ली। कोरोना काल में NEET, JEE की परिक्षाओं को ना कराने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि अभी परीक्षा ना करवाई जाय। विपक्षी दलों का कहना है कि कोरोना संकट में परीक्षा को टालना छात्रों के हित में होगा। वहीं विरोधी दल सरकार पर इसके साथ ये भी आरोप लगा रहे हैं कि, सरकार को 4800 करोड़ का घाटा ना हो, इसके लिए सरकार परीक्षा करवाने पर अड़ी हुई है।

JEE NEET

इस दावे को लेकर अब शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि जो लोग ये दावे कर रहे हैं कि सरकार नुकसान ना सहने के लिए ये परीक्षा करवा रही है उन्हें छात्रों को भविष्य की चिंता नहीं है। शिक्षा मंत्री ने उल्टे उन्हीं लोगों पर निशाना साधा है जो लोग परीक्षा रद्द करवाने की आड़ में अपनी राजनीति चमका रहे हैं।

सरकार को 4800 करोड़ का नुकसान होने का सच

रमेश पोखरियाल निशंक ने सरकार को नुकसान होने की बात पर कहा कि, “मान लीजिए कि इस वर्ष एग्जाम नहीं होते हैं तो, अगले वर्ष इतनी ही सीटों के लिए सीटों से दोगुने उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। इसके अलावा कई ऐसे कैंडिडेट्स भी होंगे जो इस साल परीक्षा ना होने से अगले साल आयु सीमा पार भी कर चुके होंगे।”

nishank

उन्होंने कहा कि, “चलिए एक अनुमान के हिसाब से बात करते हैं, मान लीजिए एक छात्र पास होने के बाद औसतन ₹20,000 कमाता है, ऐसे में 20 लाख एनआईटी और जेईई उम्मीदवारों के हिसाब से 4,000 करोड़ प्रति माह और तकरीबन 4800 करोड़ सालाना का घाटा होगा। ऐसे में क्या इसे एक भारी नुकसान नहीं माना जाएगा? क्या कोई इस की तरफ ध्यान दे रहा है? मैं देश के सभी नागरिकों से अनुरोध करना चाहता हूं कि देश को आगे बढ़ने देने में मदद करें।”

इस पर भी लोगों का कहना है कि मंत्री जी का ध्यान पैसे पर है, लोगों की जिंदगियों पर नहीं।

तो आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री ने नुकसान की बात छात्रों के संदर्भ में कही लेकिन इसको अपने लाभ के लिए ट्विस्ट करके लोगों के सामने पेश किया गया। जहां शिक्षा मंत्री की बात छात्रों के नुकसान से जुड़ी थी, वहीं इसे सरकार को होने वाले नुकसान की तरह दिखाया गया।

फिलहाल शिक्षा मंत्री के बयान  इसको लेकर कुछ और भी बिंदु हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है कि आखिर परीक्षा रोकी गई तो किस तरह से कालाबाजारी चरम पर ले जाने की सोच में कुछ लोग बैठे हैं।

बढ़ेगा सीटों का बैकलॉग

अगर इस साल परीक्षा नहीं होती तो अगले साल इतनी ही सीट के लिए दोगुने परीक्षार्थी होंगे। ऐसे में इस साल जो परीक्षार्थी सफल हो सकते हैं, उन्हें अगले साल और मशक्कत करनी पड़ेगी।

शुरु हो जाएगी सीटों की कालाबाजारी

इस साल पेपर ना होने की वजह से प्राइवेट कॉलेजों में सीटों को लेकर मारामारी चरम पर जाने वाली है। अगर ऐसा हुआ तो हर सीट के लिए ऊंची बोली लगाई जाएगी और प्राइवेट संस्थानों को फायदा होगा। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस बात की भी चर्चा है कि परीक्षा ना होने देने के पीछे प्राइवेट संस्थान भी लगे हुए हैं।

उम्र की वजह से कई लोगों का खराब होगा साल

इस साल अगर परीक्षा ना करवाई गई तो कई छात्रों का साल खराब होगा और कई निर्धारित उम्र सीमा को पार कर जाएंगे। ऐसे में उनके लिए इस साल आखिरी मौका है। इसलिए भी परीक्षा का होना जरूरी है।

medical

प्राइवेट संस्थानों की बढ़ेगी मनमानी

अगर JEE-NEET की परीक्षाएं इस साल रद्द की गईं तो ये एक तरह से प्राइवेट संस्थानों का मन बढ़ाने का कार्य होगा। सभी छात्र आर्थिक स्थिति की वजह से प्राइवेट संस्थानों में पढ़ नहीं सकते, ऐसे में इस परीक्षा के ना होने से ऐसे संस्थानों की मनमानी भी बढ़ जाएगी और मनचाही रकम वसूल सकते हैं। जो जितना ज्यादा डोनेशन जे सकेगा, उसको सीट मिलेगी।

मतलब साफ है कि जरूरी नहीं परीक्षा का विरोध छात्रों के हित को लेकर किया जा रहा हो, इसके पीछे कुछ आर्थिक, राजनीतिक हित भी छिपे हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा न कराने को लेकर दायर सभी याचिकाएं 17 अगस्त को ही खारिज कर दी थीं। जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की बेंच ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि क्या देश में सब-कुछ रोक दिया जाए? और बच्चों के एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए? कोरोना वायरस के कारण देश में सब-कुछ नहीं रोका जा सकता है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि परीक्षाएं तय समय पर ही आयोजित की जाएंगी। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि शिक्षा से जुड़ी चीजों को अब खोल देना चाहिए, क्योंकि COVID-19 एक साल और जारी रह सकता है।

Supreme-Court

कब होनी हैं परीक्षाएं?

जेईई परीक्षा एक से 6 सितंबर के बीच होगी और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी। इस साल जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है।