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Bhopal News: छात्र मेडिकल की पढ़ाई अब कर सकेंगे हिंदी में, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया MBBS की किताबों का विमोचन

Bhopal News: रविवार को भोपाल दौरे पर गए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी 3 किताबों का विमोचन करते हुए कहा, ‘ये समय देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का समय है। चिकित्सा की पढ़ाई हिन्दी में शुरू करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मोदी जी की इच्छा पूरी की है। उन्होंने आगे कहा कि

नई दिल्ली। हिन्दी भाषा में विषय-सामग्री उपलब्ध न होने की वजह से डॉक्टरी की पढ़ाई न कर पाने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है। देश में पहली बार मध्यप्रदेश में MBBS की पढ़ाई हिन्दी में कराई जाएगी। आज यानी रविवार को भोपाल दौरे पर गए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी 3 किताबों का विमोचन करते हुए कहा, ‘ये समय देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का समय है। चिकित्सा की पढ़ाई हिन्दी में शुरू करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मोदी जी की इच्छा पूरी की है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है, यही कारण है कि नेल्सन मंडेला ने कहा था- ‘अगर आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हो तो वो उसके दिमाग में जाती है।’ और अगर अनुसंधान अपनी भाषा में करने की सुविधा हो तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं हैं। मध्यप्रदेश ने चिकित्सा की पढ़ाई हिन्दी में कराने प्रण लिया है। इससे निश्चित रूप से देश में क्रांति आएगी।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘कुछ दिनों के बाद छात्रों को  पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में करने का दिया जाएगा।’

इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में कहा कि ‘आज ऐतिहासिक दिन है। गरीब परिवारों के जो बच्चे, हिन्दी माध्यम में पढ़कर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अंग्रेजी के मकड़जाल में फंसे, उन्होंने या तो मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी या फिर आत्महत्या कर ली।’ उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘मैंने एक बच्चे से पूछा- डॉक्टरी की पढ़ाई क्यों छोड़ दी, तो उसने रोते हुए कहा था- ‘मामा अंग्रेजी समझ नहीं आती’। हिंदी की पढ़ाई ऐसे बच्चों की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमने हिन्दी को कठिन नहीं बनाया है। किडनी को किडनी ही लिखा जाएगा, यकृत नहीं।’ मुख्यमंत्री के अनुसार, 6 इंजीनियरिंग और 6 पॉलिटेक्टनिक में, बाद में आईआईटी और आईआईएम में भी हिन्दी में पढ़ाई होगी।’ वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- ‘अच्छी तरह से शोध करने के बाद हमने ये तय किया कि मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में किस तरह से करवा सकते हैं।

फर्स्ट ईयर की 3 किताबों का हिन्दी अनुवाद कर दिया गया है। इस काम पर 97 डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी। टीम ने सात दिनों तक 24 घंटों का समय लगाकर MBBS फर्स्ट ईयर की 5 किताबों का हिन्दी अनुवाद किया है।  हम आगे के पाठ्यक्रमों का भी अनुवाद हिन्दी में करेंगे।’ गौरतलब है कि काउंसिलिंग के बाद आने वाले MBBS के नए बैच के छात्रों को हिन्दी में अनुवादित की गई किताबों से पढ़ाया जाएगा। 15 नवंबर से नए बैच की पढ़ाई हिन्दी में होगी। इस शुरुआत के बाद मप्र के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्र उत्साहित हैं।