
नई दिल्ली। पॉपुलर ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म Unacademy अपने एक शिक्षक को बर्खास्त करने के लिए आलोचना का शिकार हो गया है। आपको बता दें कि विवाद तब शुरू हुआ जब करण सांगवान नाम के एक शिक्षक ने एक ऑनलाइन क्लास के दौरान किसी के नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख किए बिना अपने छात्रों को अशिक्षित व्यक्तियों को वोट न देने के लिए प्रोत्साहित किया। सांघवान की टिप्पणियों ने तुरंत ध्यान आकर्षित किया और राजनीतिक मामलों में तटस्थ रुख बनाए रखने के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी के बारे में बहस छेड़ दी।
Unacademy के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि संघवान को मंच की नीतियों के उल्लंघन के कारण जाने दिया गया, क्योंकि कक्षा व्यक्तिगत राय साझा करने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं थी। सैनी ने आगे बताया कि शिक्षक को हटाने का निर्णय कठिन था, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके प्रयासों का मुख्य फोकस छात्र ही हैं। सैनी ने तर्क दिया कि कक्षाओं को व्यक्तिगत राय के लिए मंच नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे संभावित रूप से छात्रों को अनपेक्षित तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं।
We are an education platform that is deeply committed to imparting quality education. To do this we have in place a strict Code of Conduct for all our educators with the intention of ensuring that our learners have access to unbiased knowledge.
Our learners are at the centre of…
— Roman Saini (@RomanSaini) August 17, 2023
इस घटना ने उस नाजुक संतुलन की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो Unacademy जैसे शैक्षिक प्लेटफार्मों को स्वतंत्र अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने और सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने के बीच बनाना चाहिए। यह विवाद उस युग में ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों की याद दिलाता है जहां सोशल मीडिया तेजी से बहस और असहमति को बढ़ा सकता है।