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Lok Sabha Election 2024 Main Issues: लोकसभा चुनाव में विकास का मुद्दा रहा कमजोर, इन मसलों पर बीजेपी और विपक्ष लड़ते रहे जंग; वादों की भी खूब हुई बौछार

Lok Sabha Election 2024 Main Issues: लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण के बाद अब सबकी नजर 4 जून पर टिकी है। 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। 44 दिन तक लोकसभा के लिए चुनाव आयोग ने वोटिंग कराई। इस दौरान नेताओं ने प्रचार में खुद को झोंक दिया और अपने मुद्दों से वोटर को जोड़ने की कोशिश की।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण के बाद अब सबकी नजर 4 जून पर टिकी है। 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। 44 दिन तक लोकसभा के लिए चुनाव आयोग ने वोटिंग कराई। इस दौरान नेताओं ने प्रचार में खुद को झोंक दिया और अपने मुद्दों से वोटर को जोड़ने की कोशिश की। इस बार के लोकसभा चुनाव में तमाम मुद्दों को नेताओं ने उछाला। हालांकि, विकास का मुद्दा हावी नहीं हो सका। इसकी जगह विरासत कर, संपत्ति का फिर से वितरण, नौकरी और महिलाओं के हाथ हर साल बड़ी रकम देने के मुद्दे ही सबसे ज्यादा उछले।

पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी के लिए प्रचार की कमान संभाली। उन्होंने देशभर का दौरा कर चुनावी जनसभाएं की। मोदी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में सबसे अहम मुद्दों के तौर पर विरासत कर, संपत्ति के फिर से वितरण, कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने और पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण पर डाका डालने की कोशिश को मुद्दा बनाया। मोदी ने इसके साथ ही देश के विकास की बात भी कही। वहीं, विपक्ष की सरकार बनने पर अयोध्या स्थित राम मंदिर पर ताला लगने की आशंका भी जताई। मोदी ने जनता को तमाम गारंटियां भी दीं। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक जीवित हैं, वो आरक्षण का हक छीनकर खास वोट बैंक को नहीं देने देंगे।

वहीं, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने खूब प्रचार किया। उन्होंने हर युवा को एक साल की इंटर्नशिप और इसके लिए 1 लाख रुपए देने का वादा किया। गरीब महिलाओं को हर साल 1 लाख रुपए देने का वादा भी राहुल गांधी ने किया। इसके अलावा कांग्रेस ने हर महीने गरीबों को 10 किलो मुफ्त राशन देने की बात भी कही। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने बीजेपी पर संविधान को खत्म करने की तैयारी का आरोप लगाकर भी जनता से वोट मांगा। इस दौरान विपक्ष के नेताओं ने खासतौर पर पीएम मोदी को अपने निशाने पर रखा। हालांकि, अब 4 जून को ही पता चल सकेगा कि पीएम मोदी के उठाए मुद्दों पर जनता ने वोट दिया या विपक्ष के वादों पर भरोसा जताया है।