नई दिल्ली। ’72 हूरें’ फिल्म जब से इसके बारे में अनाउंसमेंट हुई है तब से लोग इस फिल्म को लोग जमकर बैन करने की मांग कर रहे है। पांच साल पहले गोवा में भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी और अब इस फिल्म की स्क्रीनिंग दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू) में होने वाली है। यह फिल्म 7 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है लेकिन फिर भी इस फिल्म को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। अब जेएनयू ने इस फिल्म को लेकर एक और एलान किया हैं जिसके बाद काफी विवाद बढ़ गया है।
राजनीतिक दलों ने फिल्म पर जताई आपत्ति
इस फिल्म को लेकर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने भी इस फिल्म ’72 हूरें’ में दिखाए गये आतंकवादियों को मानसिक रूप से बरगलाने के दृश्यों पर अपनी आपत्ति जताई है। इन राजनीतिक दलों का कहना हैं कि इस फिल्म में दिखाए गए नकारात्मक बातों से किसी विशेष धर्म पर इसका असर गलत जाएगा। मौलाना साजिद राशिद ने फिल्म ’72 हूरें’ पर आपत्ति जतातें हुए कहा कि इस फिल्म में धार्मिक सीख को गलत ढंग से दिखाया गया है जो कि हमारे धर्म पर गलत असर डाल रही है।
4 जुलाई को जेएनयू में होगी स्क्रीनिंग
इस फिल्म की स्क्रीनिंग 4 जुलाई को की जाएगी इस पर मेकर्स का कहना हैं कि जेएनयू में ’72 हूरें’ की स्क्रीनिंग से छात्रों को काफी कुछ समझ आएगा। इसमें दिखाई गई आतंकवादी घटनाओं की सच्ची कहानी है जिससे छात्र खुद को अभिव्यक्त करने का अच्छा अवसर मिलेगा। आपको बता दें कि फिल्म का निर्देशन संजय पूरन सिंह चौहान ने किया है जिन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अब इस फिल्म को देखकर काफी बवाल हो रहा है कई लोगों का कहना हैं कि यह एक विशेष धर्म को आहत करने वाली फिल्म है।