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Gandhi Godse – EK Yuddh Teaser: गोड़से की आवाज़ और उनकी बात रखने का मौका देगी ये फिल्म, देखिए “गांधी – गोड़से एक युद्ध” फिल्म का टीज़र

Gandhi Godse – EK Yuddh Teaser: कोई गोड़से को हत्यारा मानता है तो कोई उन्हें क्रांतिवीर मानता है। गोड़से के विचारधारा को दिखाती मराठी सिनेमा ने भी एक फिल्म बनाई है जिसका नाम है नाथूराम गोड़से। अब बॉलीवुड में एक बड़ी फिल्म रिलीज़ होने वाली है जिसका नाम है गांधी- गोड़से-एक युद्ध। यहां हम उसी की कहानी के बारे में बताएंगे।

नई दिल्ली। आज से कुछ दिन पहले एक फिल्म का पोस्टर अनाउंसमेंट हुआ था। जहां पर हमें पता चला था कि काफी समय बाद राजकुमार संतोषी एक फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसका नाम है गांधी – गोड़से – एक युद्ध। इस फिल्म को पठान फिल्म के साथ रिलीज़ किया जा रहा है। जहां पठान फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज़ किया जाएगा वहीं गांधी – गोड़से – एक युद्ध फिल्म को 26 जनवरी को रिलीज़ किया जाएगा। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और उसी दिन इस फिल्म को रिलीज़ किया जा रहा है। हम सब जानते हैं गांधी और गोड़से को लेकर दो पक्ष हमेशा से अपनी बात रखते आए हैं। गांधी ने गोड़से को क्यों मारा ये भी गोड़से ने अपनी किताब में बताया है। कोई गोड़से को हत्यारा मानता है तो कोई उन्हें क्रांतिवीर मानता है। गोड़से के विचारधारा को दिखाती मराठी सिनेमा ने भी एक फिल्म बनाई है जिसका नाम है नाथूराम गोड़से। अब बॉलीवुड में एक बड़ी फिल्म रिलीज़ होने वाली है जिसका नाम है गांधी- गोड़से-एक युद्ध। यहां हम उसी की कहानी के बारे में बताएंगे।

राजकुमार संतोषी ने पहले भी द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह जैसी फिल्म बनाई है जिसमें उन्होंने गांधी को सकारात्मक कोण से तो नहीं ही दिखाया है। ऐसे में अब दर्शकों को लगता है, कि आने वाली फिल्म में गोड़से के सत्य को दिखाया जाएगा और हो सकता है उन्हें एक वीर की तरह प्रस्तुत किया जाए। हालांकि राजकुमार संतोषी का जुड़ाव पहले वामपंथ की तरफ भी उनकी फिल्मों में दिखता है। लेकिन द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह में उन्होंने गांधी को एक महान नज़रिए से प्रस्तुत नहीं किया था।

अब जो गांधी – गोड़से – एक युद्ध फिल्म का टीज़र प्रस्तुत किया गया है ऐसा लगता है इसके माध्यम से भी गोड़से की छवि को सुधारने का प्रयास किया गया है। हमनी देखा है काफी वर्षों से हमें गोड़से एक हत्यारा और गांधी एक महात्मा और संत के तौर पर दिखाए जाते रहे हैं। लेकिन ये फिल्म शायद अब ये प्रवृत्ति को तोड़ने वाली है क्योंकि ये फिल्म टीज़र में बताती है कि गोड़से की आवाज़ को गांधी की हत्या के बाद दबा दिया गया।

समय ने उन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया, लेकिन ये फिल्म उन्हें अपनी बात रखने का मौका देगी। इस फिल्म को असग़र वजाहत जैसे लेखक ने लिखा है। अब ये फिल्म गोड़से के साथ न्याय कर पाती है या नहीं ये तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। टीज़र देखकर ऐसा लगता है कि फिल्म गोड़से की विचारधारा और उनकी बातों को प्रमुखता से दिखाएगी लेकिन लेखक और डायरेक्टर के मन में फिल्म को लेकर क्या मंशा है ये फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।