नई दिल्ली। यह पूरा मामला 2021 का है। जब गीतकार जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना तालिबान से कर दी थी। इस मामले में मुंबई के वकील ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था। इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद गीतकार को मुलुंड मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने समन जारी किया था। जिसे उन्होंने मुंबई सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और उन्हें तय तारीख को पेश होने के लिए भी स्पष्ट कह दिया गया। ध्यान रहे कि इससे पहले भी उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अदालत में पेश होने की जहमत नहीं उठाई। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं, जिसमें अब उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
दरअसल, जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना तालिबान से कर दी थी। उन्होंने दो टूक कह दिया था कि जिस तरह की पृवत्ति भारत के खिलाफ मुस्लिम आक्रांताओं की रही है, ठीक वैसी ही स्थिति वर्तमान में आरएसएस समेत अन्य हिंदू संगठनों की है। बता दें कि उनके इस बयान का खूब विरोध हुआ था, जिसके बाद मुंबई के एक वकील ने उनके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसकी वजह से जावेद अभी कानूनी पचड़े में फंस चुके हैं।
जावेद अख्तर के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 397 और 399 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अख्तर ने दावा किया कि केवल एक राय की अभिव्यक्ति अपराध के कमीशन के लिए नहीं हो सकती है। याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला दुर्भावना से प्रेरित और लक्षित है, याचिका में समन को रद्द करने की मांग की गई है। बहरहाल अभी इस पूरे मामले की जांच जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है और आगामी दिनों में उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।