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Maharani Season 2 Review: बिहार की राजनीति को समझने के लिए देखें ये सीरीज, जिसने दिखाया है 90 के दशक का काला पन्ना

Maharani Season 2 Review: बिहार की राजनीति को समझने के लिए देखें ये सीरीज, जिसने दिखाया है 90 के दशक का काला पन्ना सुभाष कपूर ने पहला सीजन उतना अच्छा तो नहीं बनाया था पर ऐसा लग रहा है उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा है और इस सीजन को बेहतरीन ढंग से बनाने की कोशिश करी है। लेकिन क्या ये बेहतरीन हो पाया है या नहीं या हम इसी बारे में बात करेंगे।

नई दिल्ली। महारानी का सीजन 2 रिलीज़ कर दिया गया है। इस फिल्म को सुभाष कपूर ने बनाया है। इसके अलावा फिल्म में हुमा कुरैशी, सोहम शाह, अमित सियाल, दिव्येंदु भट्टाचार्य जैसे महान कलाकार हैं। महारानी का पहला सीजन दर्शकों पर उतनी छाप तो छोड़ नहीं पाया था पर अब इसका दूसरा सीजन दर्शकों पर कितना जलवा दिखाता है यहां हम इसी बारे में बात करेंगे। इस फिल्म को सोनी लिव पर रिलीज़ किया गया है। सीरीज में कुल 10 एपिसोड हैं जिसमें हर एपिसोड लगभग 40 मिनट के आसपास का है। सीरीज के एपिसोड कुछ लम्बे हैं इसलिए इसे देखने के लिए आपको टाइम देकर देखना पड़ता है। लेकिन इसे देखते वक़्त देश की सियासत के तमाम पहलुओं को समझा जा सकता है जिससे लोग अनजान हैं। सुभाष कपूर ने पहला सीजन उतना अच्छा तो नहीं बनाया था पर ऐसा लग रहा है उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा है और इस सीजन को बेहतरीन ढंग से बनाने की कोशिश करी है। लेकिन क्या ये बेहतरीन हो पाया है या नहीं या हम इसी बारे में बात करेंगे।

क्या है कहानी

आपको बता दें सीजन 2 की कहानी सीजन 1 की कहानी के बाद से ही शुरुआत करती है। इसीलिए अगर आपने पहले सीजन को नहीं देखा है तो वो सीजन आपको देखना जरूरी होगा तभी आप बिहार की राजनीति को उस तरीके से समझ पाएंगे। इस फिल्म में आपको 90 के समय की बिहार की राजनीति उस समय होने वाले बलात्कार, चोरी, फरेबी, घूसखोरी ये सब फिल्म में दिखाने की कोशिश करी गयी है। इस पूरी सीरीज में आपको बिहारी की राजनीति का काला चेहरा देखने को मिलता है। कैसे बिहार में जातिवाद चरम पर था। बिहार के अंदर जो जो हो रहा था उसी तरीके से उसे दिखाने की कोशिश करी गयी है।

कैसी है सीरीज

आपको बता दें जिस तरह से सुभाष कपूर ने बिहार की राजनीति और उस समय को दिखाया है उसके लिए उनकी तारीफ होना जरूरी है। उन्होंने बिहार की जिस सच्चाई को इतने बेहतरीन ढंग से सामने रखा है जिससे देश और जनता सच से रूबरू हो सके उससे भी सुभाष कपूर की तारीफ बनती है। बिहार की राजनीति को बेहद सूक्ष्मता से डिटेल्ड जानकारी के साथ दिखाया है। आजकल हमने देखा कहानी में या सीरीज में वो गहराई देखने को नहीं मिलती है वहीं ये सीरीज उस गहराई तक जाकर, सच्चाई को सामने लाकर रखती है। कहानी में डार्कनेस भी है और थ्रिलिंग पार्ट भी है लेकिन वो कहीं भी फिल्म से आपका ध्यान नहीं भटकाते हैं। फिल्म को अंत तक देखेंगे तो आखिरी के दो एपिसोड देखे बिना, नहीं रहे पाएंगे क्योंकि जिस तरह से लास्ट के 2 एपिसोड को दिखाया है वो पूरा समा भी बांध लेता है इसके अलावा ये भी बताता है कि आने वाले समय में इसका तीसरा सीजन भी देखने को मिलने वाला है। फिल्म का क्लाइमैक्स भी काफी अच्छा है। इसके अलावा सभी कलाकारों का काम भी काफी अच्छा है। सुभाष कपूर का डायरेक्शन मजेदार है जो आपको बांधे रखता है। खराब बात यह है कि सीरीज को इतना लम्बा नहीं होना चाहिए था इसके अलावा सीरीज में कुछ सीन फैक्टवाइस भी सही नहीं लिखे गए हैं।