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Who is Balwinder Singh Jattana: कौन है बलविंदर सिंह जटाणा जिसे सिद्धू मूसेवाला ने अपने गाने में बताया शहीद, जानें खालिस्तानी कनेक्शन

Who is Balwinder Singh Jattana: पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर पर काम चल रहा था और उसी दौरान बलविंदर सिंह जटाणा ने दो अफसरों को गोलियों से भून दिया था। जिसके बाद अफसरों में इतना खौफ पैदा हो गया कि उन्होंने काम करने से मना कर दिया और नहर का काम रोक दिया गया।

नई दिल्ली। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई को कर दी गई थी। कल उनका आखिरी गाना SYL रिलीज हुआ। जिसने आते ही विवाद खड़ा कर दिया।कहा जा रहा है कि ये गाना सिखों को भड़काने का काम कर रहा है। गाने में गौर करने वाली बात ये है कि इसमें बलविंदर सिंह जटाणा के नाम का भी जिक्र किया गया है। बलविंदर सिंह जटाणा और  पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर का आपस में कनेक्शन है। वो क्या है..वो इस खबर में आपको हम बताएंगे।

दो इंजीनियरों को उतारा था मौत के घाट

पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर पर काम चल रहा था और उसी दौरान बलविंदर सिंह जटाणा ने दो अफसरों को गोलियों से भून दिया था। जिसके बाद अफसरों में इतना खौफ पैदा हो गया कि उन्होंने काम करने से मना कर दिया और नहर का काम रोक दिया गया। डिटेल में समझे तो  23 जुलाई 1990 को चंडीगढ़ में एक घटना घटी थी। दरअसल पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर मीटिंग हो रही थी। इस प्रोजेक्ट के तहत पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली तक पहुंचाना था। इसी बात का विरोध करने के लिए बलविंदर सिंह जटाणा अपने दो भाईयों के साथ मीटिंग में पहुंचा और SYL के चीफ इंजीनियर और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एमएस सिकरी और अवतार औलख की हत्या कर दी।

एनकाउंटर में हुई हत्या

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बलविंदर सिंह जटाणा की खोज शुरू की जिसके बाद 30 नवंबर 1991 को पुलिस उसके घर पहुंची। जहां   बलविंदर तो हाथ नहीं लगा लेकिन उसका पूरा परिवार मौजूद था। बलविंदर की साथी निरप्रीत कौर ने बताया कि पुलिस ने  बलविंदर कौर की दादी,चाची, बहन और भांजे को जिंदा जला दिया था। जिसके बाद बलविंदर को पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा हुई और 4 सितंबर 1991 को एक एनकाउंटर में बलविंदर मारा गया। निरप्रीत कौर का कहना है कि बलविंदर से ये सब पंजाब को बचाने के लिए किया। अगर वो वैसा नहीं करता तो पंजाब को पानी नहीं मिलता और पंजाबी सूखे रह जाते हैं। बता दें कि बलविंदर सिंह जटाणा का सीधा कनेक्शन खालिस्तानियों से भी था। जटाणा बब्बर खालसा के मुखी सुखदेव सिंह का करीबी था और पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ाता था।