
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 11 साल पहले हुए डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई अदालत ने बुधवार को 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 50% राशि जियाउल हक की पत्नी परवीन को दी जाएगी। साल 2013 में, कुंडा क्षेत्र के सर्किल अफसर (CO) जियाउल हक को कुंडा के बलीपुर इलाके में तैनात किया गया था। 2 मार्च 2013 को, वह अपनी पुलिस पार्टी के साथ बालीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद उत्पन्न हिंसक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचे थे।
आरोप है कि जब जियाउल हक और उनकी टीम वहां पहुंची, तो नन्हे यादव के परिवार और समर्थकों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में लाठी-डंडों और घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। भीड़ ने सीओ जियाउल हक को घेर लिया और उन पर बर्बरतापूर्वक हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। बाकी पुलिसकर्मी मौके से भाग निकले, लेकिन जियाउल हक हमले का शिकार हो गए।
घटना के बाद सीबीआई ने एफआईआर संख्या 19/2013 के तहत मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान 12 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। अभियुक्तों में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल और योगेंद्र यादव उर्फ बबलू शामिल थे।हालांकि, ट्रायल के दौरान योगेंद्र यादव उर्फ बबलू की मौत हो गई, जिससे उसके खिलाफ मामला खत्म हो गया। वहीं, सुधीर यादव नामक एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: CBI Court sentences life imprisonment to all 10 accused in DSP Zia Ul Haq murder case.
CBI Court Advocate KP Singh says “On 2 March 2013, he was murdered in village Balipur in which Nanhe Pradhan’s supporters and family members were involved and… pic.twitter.com/fvvVHrwYVX
— ANI (@ANI) October 9, 2024
कोर्ट का फैसला
5 अक्टूबर 2024 को अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया और अब 9 अक्टूबर को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
1. फूलचंद यादव
2. पवन यादव
3. मंजीत यादव
4. घनश्याम सरोज
5. राम लखन गौतम
6. छोटेलाल यादव
7. राम आसरे
8. मुन्ना पटेल
9. शिवराम पासी
10. जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल
सीबीआई अदालत ने सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उन पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने जुर्माने की आधी राशि जियाउल हक की पत्नी परवीन को देने का निर्देश दिया है। इस मामले में सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषियों का कृत्य न केवल कानून के लिए चुनौती था, बल्कि यह घटना पुलिस बल के मनोबल पर भी गहरा आघात थी।