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Mann Ki Baat: ‘मेरे श्रोता ही असल सूत्रधार’, मन की बात के 10 साल पूरा होने पर बोले पीएम मोदी; चकोर पक्षी का उदाहरण देकर जनता को बताया ईश्वर का रूप

Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि उनके श्रोता ही असल में इस कार्यक्रम के सूत्रधार हैं। मन की बात कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने पर मोदी ने कहा कि इस बार का एपीसोड उनको भावुक कर रहा है और पुरानी यादों से घेर रहा है।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि उनके श्रोता ही असल में इस कार्यक्रम के सूत्रधार हैं। मन की बात कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने पर मोदी ने कहा कि इस बार का एपीसोड उनको भावुक कर रहा है और पुरानी यादों से घेर रहा है। उन्होंने याद किया कि मन की बात की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन हुआ था। इस साल 3 अक्टूबर को जब मन की बात के 10 साल पूरे हो रहे हैं, तो शारदीय नवरात्रि का पहला दिन होगा। उन्होंने झांसी की महिलाओं और उत्तराखंड के उत्तरकाशी के युवाओं की पहल की भी जानकारी देशवासियों को दी।

पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात के कई पड़ाव वो कभी भूल नहीं सकते। मोदी ने कहा कि करोड़ों श्रोता ऐसे साथी है, जिनका हमेशा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि श्रोताओं ने उनको देश के कोने-कोने से जानकारियां दीं। मोदी ने कहा कि आमतौर पर धारणा है कि जब तक चटपटी और नकारात्मक बातें न हों, तब तक उसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि 10 साल की यात्रा ने ऐसी माला तैयार की, जिसमें नई गाथाएं, नए कीर्तिमान और नए व्यक्तित्व जुड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सामूहिकता की भावना के साथ जो काम हो रहा है, उन्हें मन की बात के जरिए सम्मान दिया जाता है। मोदी ने कहा कि वो मन की बात के लिए आई चिट्ठियों को पढ़कर गर्व से भर जाते हैं। मोदी ने जल संरक्षण के लिए भी जनता को जागरूक करने का काम मन की बात के जरिए किया।

मन की बात के ताजा एपीसोड में पीएम मोदी ने चकोर पक्षी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि चकोर सिर्फ बारिश की बूंदों को ही पीता है। मोदी ने कहा कि मन की बात में देखा कि लोग भी चकोर की तरह देश और लोगों की उपलब्धियों को गर्व से सुनते हैं। मोदी ने कहा कि देश में प्रतिभावान हैं। ऐसे लोगों में देश और समाज की सेवा करने का जज्बा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के बारे में जानकर वो ऊर्जा से भर जाते हैं। मोदी ने कहा कि मन की बात की पूरी प्रक्रिया ऐसी है, जैसे मंदिर जाकर ईश्वर के दर्शन करना। उन्होंने कहा कि मन की बात की हर घटना, हर चिट्ठी को याद करने पर लगता है कि मेरे लिए ईश्वर का रूप जनता जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं।