नई दिल्ली। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के आदेश पर अवैध घुसपैठियों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। मीडिया की खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने राजधानी में 175 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है। आउटर दिल्ली को अपना ठिकाना बनाए हुए इन बांग्लादेशी नागरिकों के पास भारत में रहने के वैध दस्तावेज तक नहीं हैं। दिल्ली पुलिस इन सभी पर कानूनी कार्रवाई करने वाली है। सभी अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है। दिल्ली पुलिस राजधानी में अवैध घुसपैठियों की तलाश में सभी बस्तियों में जाकर वहां रहने वालों के दस्तावेज वगैरा जांच रही है। अब तक दिल्ली पुलिस को कुल 9000 संदिग्ध मिल चुके हैं।
#WATCH | In response to growing concerns about the illegal stay of Bangladeshi immigrants residing in the country without any valid Indian document, the Outer District Police has started to identify, detain and repatriate individuals living in Delhi without valid documentation. A… pic.twitter.com/G1IZcdlHEB
— ANI (@ANI) December 22, 2024
जानकारी के मुताबिक अवैध घुसपैठिए अपना कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इनमें से तमाम ने दूसरे राज्यों का मूल निवासी होने की बात कही। अब दिल्ली पुलिस ऐसा दावा करने वालों के राज्यों से जानकारी जुटा रही है। इसके बाद ही कार्रवाई होगी। उस वक्त तक जो शक के दायरे में हैं, उन पर नजर रखी जाएगी। दिल्ली पुलिस अब तक 6 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश भेज चुकी है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर की तरफ से अवैध घुसपैठियों का पता लगाने का आदेश आने के बाद एमसीडी ने सभी सरकारी स्कूलों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां छात्रों के दस्तावेज जांचे। ताकि अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के बच्चों की पहचान हो सके। एमसीडी ने 31 दिसंबर 2024 तक जन स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में रिपोर्ट भी मांगी है कि वो अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के बच्चों को जन्म प्रमाण पत्र ने दिए जाने की सुनिश्चितता संबंधी एक्शन टेकन रिपोर्ट भी दे।
बता दें कि दिल्ली पुलिस के कमिश्नर रहे अजय राज शर्मा ने साल 2003 में अलग से बांग्लादेशी सेल बनवाया था। ये सेल अब भी काम करता है। दिल्ली पुलिस के इस सेल का काम ही राजधानी में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में पता लगाना और उनको पकड़ना था। दिल्ली के हर जिले में पुलिस महकमे ने बांग्लादेशी सेल बनवा रखा है। एफआरआरओ के साथ संयुक्त रूप से काम करते हुए ये सेल बांग्लादेशी नागरिकों पर नजर रखता रहा है।