दुश्मनों की अब खैर नहीं, IAF की ताकत में इजाफा, 3 और राफेल लड़ाकू जेट फ्रांस से भारत पहुंचे

Rafale Fighter Jet: भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, विमान फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से उड़ान भरने के बाद राफेल विमानों की तीसरी खेप दिन में भारतीय वायुसेना के एक ठिकाने पर उतरा। उन्होंने इन-फ्लाइट ईंधन भरने के साथ 7,000 किमी से अधिक की उड़ान भरी। राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा किया जाता है।

Avatar Written by: January 28, 2021 8:55 am

नई दिल्ली। चीन से तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। जिसके बाद सीमा पर अब नापाक हरकत करने वाले दुश्मनों की खैर नहीं है। दरअसल फ्रांस (France) से तीन और राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) भारत पहुंच गए हैं। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, फ्रांस से नॉन स्टॉप उड़ान भरने के बाद बुधवार रात को तीन राफेल लड़ाकू विमान भारत में उतरे। तीनों लड़ाकू विमान आठ राफेल विमानों के मौजूदा बेड़े में जुड़ेंगे। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, विमान फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से उड़ान भरने के बाद राफेल विमानों की तीसरी खेप दिन में भारतीय वायुसेना के एक ठिकाने पर उतरा। उन्होंने इन-फ्लाइट ईंधन भरने के साथ 7,000 किमी से अधिक की उड़ान भरी। राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा किया जाता है।

इससे पहले बुधवार को फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया था कि एयर ईंधन भरने के साथ भारत के लिए तीन और राफेल जेट विमान नॉन स्टॉप फ्लाइट बनकर इस्ट्रेस से आए हैं। भारतीय दूतावास ने कहा कि हमारे अद्भुत पायलटों को शानदार लड़ाकू विमानों के साथ एक चिकनी उड़ान और सुरक्षित लैंडिंग की बधाई।

rafale

तीन और विमानों के साथ भारतीय वायुसेना के पास अब 11 राफेल जेट सेवा में होंगे। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के पायलटों को फ्रांस के सेंट-डिजियर एयर बेस पर बैचों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। भारत को 29 जुलाई, 2020 को पांच राफेल विमानों का पहला बैच मिला था, जिन्हें अंबाला एयर बेस पर 10 सितंबर को 17 ‘गोल्डन एरो’ स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था।

राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से नॉन स्टॉप उड़ान भरने के बाद 4 नवंबर 2020 को भारत पहुंचा था। भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।