
ग्वालियर। भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। देश में एक बार फिर चीते जंगलों में चौकड़ी भरते दिखाई देंगे। नामीबिया से 8 चीते भारत पहुंच चुके हैं। एक विशेष कार्गो फ्लाइट से इन 8 चीतों को मध्यप्रदेश के ग्वालियर लाया गया है। इनको आज पीएम नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के ही कूनो नेशनल पार्क में बने विशेष बाड़ों में छोड़ेंगे। जो चीते लाए गए हैं, उनमें से 5 मादा और 3 नर हैं। इन सबकी उम्र औसतन 5 साल है। आने वाले 5 साल में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 50 चीते लाए जाएंगे। उनकी ब्रीडिंग कराकर 500 की संख्या होने पर देश के अलग-अलग नेशनल पार्क में छोड़े जाने की योजना है।
#WATCH नामीबिया से 8 चीतों को लेकर विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर उतरी। pic.twitter.com/SVqM2L6Kzk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2022
चीते लाने की योजना भारत ने साल 2002 में बनाई थी। पहले ईरान से बात की गई थी, लेकिन उसने कहा कि सिर्फ 20 ही चीते बचे हैं। इस वजह से हम नहीं दे सकते। इसके बाद नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका की सरकारों से लंबी बातचीत के बाद चीतों को लाने का फैसला हुआ। चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है। 1 मिनट के लिए ये 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। पूरे जिस्म पर चित्तियां होने की वजह से इसका नाम चीता पड़ा है। चीता अपनी रफ्तार से हिरण जैसे तेज दौड़ने वाले जानवरों का शिकार आसानी से कर लेता है।
Here they come?
1st of the nine cheetahs from Namibia. Ready to travel to India. pic.twitter.com/HikTNw1MtH— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) September 16, 2022
चीता भी शेर, बाघ और तेंदुए की तरह बिल्ली प्रजाति का जानवर है। ये इन तीन जानवरों से कुछ मायनों में अलग है। चीते के पंजे बाघ, शेर और तेंदुए की तरह नहीं खुलते। इनके पंजे कुत्तों की तरह होते हैं। साथ ही चीता दहाड़ता नहीं है। इसकी आवाज बिल्ली की म्याऊं जैसी होती है। पूरी दुनिया में चीते सिर्फ ईरान, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में ही पाए जाते थे। अब भारत के जंगलों में भी इनकी रोमांचित कर देने वाली रफ्तार दिखेगी।