चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे का प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब तक फरार है। उसके 100 से ज्यादा समर्थकों को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अमृतपाल सिंह के वकील ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हेबस कॉरपस) दी है। वकील का आरोप है कि अमृतपाल को पुलिस ने हिरासत में रखा है। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह का भी कहना है कि उनके बेटे को पुलिस ने हिरासत में रखा हुआ है। वहीं, पंजाब पुलिस लगातार कह रही है कि ये आरोप गलत हैं और अमृतपाल अब तक पकड़ा नहीं जा सका है।
इस बीच, हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ के मुताबिक अमृतपाल सिंह के मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 8 टीमों ने अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, गुरदासपुर वगैरा में डेरा डाला है। एनआईए की ये टीमें अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों की आतंकी गतिविधियों की जांच करेंगी। इसकी वजह ये है कि अमृतपाल सिंह के ठिकानों पर छापे के दौरान पुलिस को एकेएफ लिखी 33 बुलेटप्रूफ जैकेट, हथियार और अन्य चीजें मिलीं। पंजाब पुलिस का दावा है कि अमृतपाल सिंह को खालिस्तान आंदोलन भड़काने के लिए विदेश से फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से हथियारों की मदद मिल रही थी।
इनके अलावा ड्रग माफिया से भी अमृतपाल सिंह के संबंध होने का खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ड्रग माफिया उसे खालिस्तान बनाने के लिए फंड दे रहे थे। एक ड्रग माफिया रावेल सिंह ने अमृतपाल को मर्सिडीज गाड़ी भी गिफ्ट की थी। इस गाड़ी में बैठकर ही अमृतपाल सिंह फरार हुआ था। जांच इसकी भी हो रही है कि पाकिस्तान की तरफ से बीते कुछ महीनों में ड्रोन के जरिए जो हथियार और ड्रग आने की घटनाएं हो रही थीं, उनका अमृतपाल सिंह से लेना-देना तो नहीं है। कुल मिलाकर हर रोज अमृतपाल सिंह के बारे में चौंकाने वाली नई जानकारियां मिल रही हैं। इनसे साफ हो रहा है कि भारत और पंजाब के खिलाफ किस तरह गहरी साजिश रची गई थी।