नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल की कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और सीएम अशोक गहलोत के कार्यकाल में इन नए जिलों और संभागों को मंजूरी दी गई थी। अब भजनलाल सरकार ने पहले की सरकार के फैसले में संशोधन किया है। दरअसल अशोक गहलोत के कैबिनेट ने 17 नए जिले और 3 नए संभाग (सीकर, पाली और बांसवाड़ा) बनाने का फैसला किया था उनमें से 8 जिलों को यथावत रखते हुए शेष 9 जिलों और तीनों नए संभागों को अव्यवहारिक माना गया और इनको निरस्त किया गया है। इस तरह से अब राजस्थान में 41 जिले और 7 संभाग होंगे।
Jaipur: On government decision to retain only 8 of the 17 newly created districts, State Law Minister Jogaram Patel says, “The district announcements were made without reviewing the necessary criteria such as population, administrative capacity, and the availability of resources.… pic.twitter.com/0Y3mZdIJqb
— IANS (@ians_india) December 28, 2024
राजस्थान सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि पूर्व की सरकार ने सांस्कृतिक, व्यवहारिक, जनसंख्या, जैसे मुद्दों की अनदेखी करते हुए 17 नए जिलों के गठन को मंजूर किया था। सरकार ने समीक्षा में पाया कि इतनी संख्या में नए जिलों का गठन राज्य की अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक भार था। यह आचार संहिता लागू होने से पहले आनन फानन में लिया गया निर्णय था। नए जिले बनाते हुए सरकार ने ना तो नए पदों का सृजन किया था और ना ही नए कार्यालय बनाए थे। अब बीजेपी ने समीक्षा के बाद इनमें से 8 जिलों को बरकरार रखा है।
ये 8 जिले रहेंगे-
– ब्यावर
– बालोतरा
– डीडवाना कुचामन
– कोटपुतली बहरोड़
– डीग कुम्हेर
– खेड़थल तिजारा
– सलूंबर
– फलोदी
इन 9 जिलों को खत्म किया गया-
– शाहपुरा
– गंगापुरसिटी
– दूदू
– जोधपुर ग्रामीण
– केकड़ी
– नीमकाथाना
– अनूपगढ़
– सांचौर
– जयपुर ग्रामीण
भजनलाल कैबिनेट के अन्य फैसले
राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिक सेवा नियम 2022 में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव के तहत अब सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) एग्जाम में तीन साल तक के स्कोर को जोड़ा जाएगा जबकि इससे पहले एक साल का स्कोर काउंट होता था। इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़े जाने का भी निर्णय लिया गया है।