
लखनऊ। यूपी की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मैदान सजकर तैयार है। इन 9 सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है। ताजा जानकारी के मुताबिक 5 प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 90 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होना है। यूपी की गाजियाबाद, खैर, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, मझवां और कटेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अब वोटर तय करेंगे कि उनका प्रतिनिधि कौन होगा। यूपी की इन 9 विधानसभा सीटों पर जीत के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच मुकाबला है। दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
इसकी वजह ये है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल, कुंदरकी, सीसामऊ, कटेहरी और करहल पर समाजवादी पार्टी के विधायक जीते थे। वहीं, गाजियाबाद, फूलपुर समेत 3 सीट बीजेपी ने जीती थी। मीरापुर सीट आरएलडी ने हासिल की थी। उस वक्त आरएलडी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था। अब आरएलडी ने बीजेपी का दामन थामा हुआ है। यूपी की जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 8 पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। मीरापुर की सीट उसने आरएलडी को ही दी है। बीजेपी को समाजवादी पार्टी चुनौती दे रही है और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया है कि सभी 9 सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीतेंगे। वहीं, बीजेपी का दावा है कि इस बार जनता समाजवादी पार्टी को सबक सिखाएगी।
यूपी की इन 9 विधानसभा सीटों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा गूंज रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने इसी नारे को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश के तहत ‘पीडीए नहीं बंटेगा’ का रूप दिया है। 13 नवंबर को वोटिंग के बाद 23 नवंबर को यूपी की इन 9 विधानसभा सीटों के वोटों की गिनती होगी। तब पता चलेगा कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को पटकनी देने में सफलता हासिल की या अखिलेश यादव का दावा सच हुआ। इसकी वजह ये है कि इस साल लोकसभा चुनाव में यूपी की 37 सीटों पर समाजवादी पार्टी जीती थी। जबकि, बीजेपी 33 सीटें ही जीत सकी थी। ऐसे में समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद हैं, लेकिन बीजेपी भी हर हाल में विधानसभा उपचुनाव में ज्यादातर सीटें जीतकर अखिलेश यादव को जोर का झटका देना चाहती है।