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प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूलने के मामले में एक चिट्ठी ने केजरीवाल सरकार की खोल दी पोल

गैर-राज्यों से बिहार लाए जा रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार की नीतीश सरकार ने फैसला किया है कि, जो भी प्रवासी मजदूर बिहार लौटेंगे, उन्हें 21 दिन के लिए क्वारनटीन में जाना होगा।

नई दिल्ली। दिल्ली में फंसे 1200 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को स्पेशल ट्रेन से बिहार के मुजफ्फरपुर निकले थे। इन प्रवासी मजदूरों से रेल यात्रा करने पर पैसे लेने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी(आप) और जेडीयू के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

Migrant workers

अपने दावे में दिल्ली में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी ने कहा है कि, प्रवासी मजदूरों से रेल किराया नहीं लिया गया है। इस मुद्दे पर आप के ट्विटर हैंडल के जरिए मुजफ्फरपुर रवाना हुई ट्रेन का वीडियो पोस्ट करने के साथ लिखा कि बिहार सरकार ने 1200 प्रवासी मजदूरों के रेल का किराया देने से इनकार कर दिया है और अब पूरा खर्च अरविंद केजरीवाल सरकार वहन करेगी।

CM Arvind Kejriwal

इस वीडियो में ये भी दावा किया गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार कोविड-19 महामारी काल में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के साथ खड़ी है। हालांकि इस वीडियो के दावे पर जेडीयू ने पलटवार किया है। जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने उस चिट्ठी को ट्वीट किया जो 6 मई को दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को लिखी थी।

इस चिट्ठी में नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने लिखा है कि 1200 प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से मुजफ्फरपुर यात्रा के लिए खर्चा जो तकरीबन 6.5 लाख होगा वह तत्काल दिल्ली सरकार वहन करेगी और बाद में इस रकम का भुगतान बिहार सरकार दिल्ली सरकार को करेगी।

nitish kumar angry

आपको बता दें कि गैर-राज्यों से बिहार लाए जा रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार की नीतीश सरकार ने फैसला किया है कि, जो भी प्रवासी मजदूर बिहार लौटेंगे, उन्हें 21 दिन के लिए क्वारनटीन में जाना होगा। 21 दिनों के बाद बिहार सरकार इन प्रवासी मजदूरों को बिहार आने का जो भी रेल का किराया लगा होगा और उसके ऊपर से 500 रुपये अलग अदा करेगी।

ऐसे में आम आदमी पार्टी का यह दावा कि बिहार सरकार ने 1200 प्रवासी मजदूरों के बिहार आने के लिए रेल का किराया देने से इनकार कर दिया अब सवालों के घेरे में है। खासकर, दिल्ली सरकार के द्वारा लिखे पत्र से यह साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने बिहार सरकार से 6.5 लाख अदायगी करने के लिए कहा था मगर प्रचार-प्रसार कर रही है कि केजरीवाल सरकार इन मजदूरों के रेल का किराया खुद वहन कर रही है।