नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है, और इस बीच होम वोटिंग प्रक्रिया को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच विवाद गहराता जा रहा है। AAP ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर दिल्ली में मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित कर रही है। पार्टी ने रविवार को हुए होम वोटिंग के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पर सवाल उठाए और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।
चुनाव आयोग ने दी सफाई
AAP के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि आम चुनाव 2024 की तरह ही दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भी कुछ विशेष समूहों के मतदाताओं की सुविधा के लिए होम वोटिंग की व्यवस्था की गई है। यह सुविधा 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग (PwD) मतदाताओं के लिए है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के मतदान कर सकें।
होम वोटिंग के लिए 12D फॉर्म जरूरी
चुनाव आयोग के अनुसार, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पात्र मतदाताओं को फॉर्म 12D भरना आवश्यक है। आयोग ने बताया कि अब तक 85+ वरिष्ठ नागरिकों से 6447 और दिव्यांग मतदाताओं से 1058 आवेदन प्राप्त हुए हैं। 26 जनवरी तक 1271 वरिष्ठ नागरिकों और 120 दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद एक विशेष मतदान टीम, जिसमें चुनाव अधिकारी और सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे, 5 फरवरी 2025 से पहले मतदाताओं के घर जाकर उन्हें मतदान का अवसर देगी।
पारदर्शिता के लिए हो रही वीडियो रिकॉर्डिंग
AAP द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी की जा रही है। विधानसभा क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों को मतदान प्रक्रिया और रूट प्लान की जानकारी दी गई है। उम्मीदवार या उनके अधिकृत प्रतिनिधि मतदान टीम के साथ जा सकते हैं। मतदान टीम बैलट पेपर उपलब्ध कराएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मतदान गोपनीयता और पारदर्शिता के साथ संपन्न हो। इसके अलावा, पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है।
होम वोटिंग पूरी तरह स्वैच्छिक
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह सुविधा पूरी तरह से स्वैच्छिक है। जो मतदाता इस विकल्प का चयन करेंगे, उन्हें चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर वोट डालने की अनुमति नहीं होगी। आयोग के अनुसार, यह पहल समावेशी मतदान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता भी बिना किसी कठिनाई के लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को होना है, और इससे पहले चुनावी घमासान तेज हो गया है।