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Abbas Ansari: डॉन मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को 2 साल कैद की सजा, प्रशासन के अफसरों को धमकी देने का कोर्ट ने पाया दोषी

Abbas Ansari: दारोगा गंगाराम बिंद ने अब्बास अंसारी की तरफ से जनसभा में सार्वजनिक तौर पर प्रशासन के अफसरों को धमकी देने पर तब लागू रही आईपीसी की धारा 506 यानी आपराधिक धमकी, धारा 171-एफ यानी चुनाव में गलत प्रभाव डालने की कोशिश, धारा 186 यानी सरकारी काम में बाधा, धारा 189 यानी सरकारी कर्मचारी को धमकाना, धारा 153-ए यानी दो समुदायों में वैमनस्य फैलाना और 120-बी यानी आपराधिक साजिश रचने का केस दर्ज कराया था।

मऊ। माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में अब्बास अंसारी पर कोर्ट ने 3000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने आपराधिक साजिश रचने की धारा 120बी के तहत विधायक अब्बास अंसारी और मंसर अंसारी को 6 महीने की कैद और एक-एक हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अब्बास अंसारी ने यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।

साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त मऊ की एक जनसभा में डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर अफसरों को धमकी देने का आरोप लगा था। 22 मार्च 2022 को एक दारोगा ने केस दर्ज कराया था। अब्बास अंसारी पर आरोप साबित हुआ है कि चुनाव में जीत के बाद प्रशासन के अफसरों को देख लेने की धमकी दी थी। एमपी/एमएलए कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केपी सिंह ने अभियोजन और अब्बास अंसारी के वकीलों के पक्ष को सुनकर शनिवार सुबह ही विधायक को दोषी बता दिया था। फिर दोपहर में सजा का एलान किया गया। सुनिए, अब्बास अंसारी के किस बयान पर केस दर्ज हुआ था।

दारोगा गंगाराम बिंद ने अब्बास अंसारी की तरफ से जनसभा में सार्वजनिक तौर पर प्रशासन के अफसरों को धमकी देने पर तब लागू रही आईपीसी की धारा 506 यानी आपराधिक धमकी, धारा 171-एफ यानी चुनाव में गलत प्रभाव डालने की कोशिश, धारा 186 यानी सरकारी काम में बाधा, धारा 189 यानी सरकारी कर्मचारी को धमकाना, धारा 153-ए यानी दो समुदायों में वैमनस्य फैलाना और 120-बी यानी आपराधिक साजिश रचने का केस दर्ज कराया था। अब्बास अंसारी के खिलाफ आए फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। वहां से राहत न मिलने पर अब्बास अंसारी के पास सुप्रीम कोर्ट भी जाने का रास्ता है।