
हरदोई। समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की हरदोई जेल से रिहाई हो गई है। अब्दुल्ला आजम खान पर दो अलग-अलग उम्र के दस्तावेज समेत 42 मामले हैं। सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद बुधवार को अब्दुल्ला आजम को 17 महीने और 3 दिन बाद जेल से रिहा कर दिया गया। वहीं, शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोप में घिरीं आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब आजम और बेटी निकहत अखलाक को कोर्ट ने सोमवार को 5 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी थी। आजम खान के परिवार के खिलाफ शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेरफेर का केस काफी दिनों से चल रहा है। शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद ने 9 मई 2020 को इस मामले में पहले सैयद आफाक अहमद और अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेरफेर का केस आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट रामपुर के मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। इस यूनिवर्सिटी के लिए एक जमीन ली गई। जो इमामुद्दीन कुरैशी के नाम थी। इमामुद्दीन आजादी के बाद पाकिस्तान चले गए और उनकी जमीन 2006 में शत्रु संपत्ति घोषित हो गई। जिसे सरकारी कस्टोडियन की निगरानी में रखा गया। फिर पता चला कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में गड़बड़ी कर आफाक अहमद के नाम ये जमीन कर दी गई। रिकॉर्ड के फटे पन्ने सामने आने के बाद अभिलेखपाल ने केस दर्ज कराया था। इस मामले में जांच बिठाई गई थी।
जांच में पता चला कि आजम खान की यूनिवर्सिटी से जुड़ा ये मामला है। फिर आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा, अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम, निकहत अखलाक और मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया। इस मामले में भी अब्दुल्ला आजम को जमानत मिली है। जिसके कारण लंबे समय बाद वो जेल से रिहा हुए हैं। यूपी में साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से आजम खान और उनके परिवार के लोगों पर एक के बाद एक तमाम आरोप लगे हैं। इनमें चोरी और धमकाने के भी मामले लोगों ने दर्ज कराए थे।