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UCC: अभाविप मिरांडा हाउस ने यूसीसी पर आयोजित की वाद-विवाद प्रतियोगिता 

वाद-विवाद प्रतियोगिता में सम्मिलित डीयू के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि,” समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ने का अर्थ है कि महिलाओं और विभिन्न कमजोर समूहों को समानता और उचित अधिकारों का अवसर देना।

नई दिल्ली। शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मिरांडा हाउस इकाई द्वारा ‘समान नागरिक संहिता समरसता के लिए आवश्यक है’ विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के 15 कॉलेजों से 55 विद्यार्थियों ने सहभागिता की। यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना दिवस के अवसर पर मनाए जा रहे ‘विद्यार्थी दिवस सप्ताह’ के अंतर्गत आयोजित हुई थी। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भावना सती, द्वितीय स्थान संयुक्त रूप से सोनम कुमारी व मंटू कुमार तथा तीसरा स्थान संयुक्त रूप से मोहिनी व आदित्य शर्मा को प्राप्त हुआ।

वाद-विवाद प्रतियोगिता में सम्मिलित डीयू के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि,” समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ने का अर्थ है कि महिलाओं और विभिन्न कमजोर समूहों को समानता और उचित अधिकारों का अवसर देना।

भारतीय संविधान में भी समान नागरिक संहिता की बात स्पष्ट रूप से कही गई है। आज समान नागरिक संहिता को लेकर देश के अधिकांश युवाओं में सकारात्मक विचार हैं। विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर सलाह तथा सुझाव मांगा गया है, इस प्रकिया में युवाओं का अधिकाधिक सहभागिता करनी चाहिए।”
UCC Congressअभाविप की मिरांडा हाउस इकाई की अध्यक्ष संस्कृति व मंत्री निधि ने कहा कि,” यह आयोजन ऑनलाइन माध्यम द्वारा संपन्न हुआ। समान नागरिक संहिता पर छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग पक्षों से विचार प्रस्तुत किए। यह वाद-विवाद प्रतियोगिता दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को यूसीसी की आवश्यकता, इससे जुड़े ऐतिहासिक पहलुओं सहित विभिन्न पक्षों से अवगत कराने वाली रही।”