नई दिल्ली। सोशल मीडिया में सही के साथ अफवाह वाली जानकारी भी लगातार आती है। अफवाह फैलाने वालों पर केस भी दर्ज होता है। आमतौर पर राजनीतिक मामलों में अफवाहों को सोशल मीडिया के जरिए फैलाने के मामले सामने आते हैं, लेकिन कई बार भारतीय सेना के बारे में भी सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जाती है। अब सोशल मीडिया के जरिए अपने खिलाफ अफवाह फैलाने वालों से भारतीय सेना सख्ती से निपटेगी। ये अधिकार उसे रक्षा मंत्रालय ने दिया है।
अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने सोशल और ऑनलाइन मीडिया पर नजर रखने के लिए सेना के वरिष्ठ अफसर को नोडल अधिकारी बनाया है। सेना के ये वरिष्ठ अफसर अब सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर नजर रखेंगे और देखेंगे कि भारतीय सेना के बारे में कोई गलत खबर या अफवाह तो नहीं फैलाई जा रही। अगर कोई गलत खबर या अफवाह फैलाई गई, तो संबंधित को सेना की तरफ से आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत नोटिस भेजा जाएगा और कार्रवाई होगी। आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) में कहा गया है कि, “वास्तविक ज्ञान प्राप्त होने या उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा अधिसूचित किए जाने पर कि मध्यस्थ द्वारा नियंत्रित कम्प्यूटर संसाधन में स्थित या उससे जुड़ी किसी भी जानकारी, डेटा या संचार लिंक का उपयोग गैरकानूनी कार्य करने के लिए किया जा रहा है, मध्यस्थ किसी भी तरह से साक्ष्य को खराब किए बिना उस संसाधन पर उस सामग्री तक पहुंच को शीघ्रता से हटाने या अक्षम करने में विफल रहता है।”
भारतीय सेना को मिले इस अधिकार के तहत संबंधित को नोटिस भेजे जाने के बाद मध्यस्थों को तय करना होगा कि सोशल मीडिया या वेबसाइट पर जो झूठी या अफवाह वाली खबर फैलाई गई है, उसका क्या करना है। इससे पहले सेना अपने खिलाफ झूठी और अफवाह वाली खबरों पर एक्शन के लिए आईटी मंत्रालय से संपर्क करती थी। ऐसे में संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट या खबर को हटवाने में वक्त लगता था। अब अधिकार मिलने से भारतीय सेना तुरत-फुरत कार्रवाई कर सकेगी।