newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Agriculture Act: किसानों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐसे खोली विपक्ष के झूठ की पोल…

Agriculture Act: पंजाब में किसान आंदोलन (Farmer Protest) पर बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि ये किसानों का नहीं, बिचौलियों का आंदोलन है। पंजाब में तो किसान मंडी में अपना आढ़ती भी नहीं बदल सकते। मंडी में कुछ लोगों के एकाधिकार के कारण किसानों को अच्छे दाम भी नहीं मिल पाते और किसानों को औने-पौने दाम पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से कृषि सुधार कानून- 2020 को संसद में पारित करने पर दिल्ली और आस-पास के साढ़े तीन सौ से अधिक गांवों के किसानों और किसान प्रतिनिधियों के लिए आयोजित की गई सभा को संबोधित किया। इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों के हर हित सुरक्षित हैं और मोदी सरकार की हर योजनाओं में देश के गांव, गरीब और किसानों के ही हित समावेशित हैं।

JP Nadda

पंजाब में किसान आंदोलन पर बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ये किसानों का नहीं, बिचौलियों का आंदोलन है। पंजाब में तो किसान मंडी में अपना आढ़ती भी नहीं बदल सकते। मंडी में कुछ लोगों के एकाधिकार के कारण किसानों को अच्छे दाम भी नहीं मिल पाते और किसानों को औने-पौने दाम पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अब किसानों को अलग अलग बाजार में उत्पादों के मूल्य के बारे में पता चल पायेगा और आगे भविष्य में मूल्य क्या रहने वाला है, इसकी भी जानकारी किसानों को मिला करेगी।


नड्डा ने कहा कि विपक्ष हल्ला मचा रहा है कि एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद हो जायगी। पंजाब के पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी कहते हैं कि एमएसपी के बारे में एक्ट में लिखो। अरे अमरिंदर सिंह जी, ये हमेशा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स के जरिये इम्प्लीमेंट होते हैं और यदि आप एमएसपी को एक्ट में लिखने की बात कर रहे हैं तो केंद्र में लगभग 55 वर्षों तक आपकी सरकार रही, इसे क्यों एक्ट में नहीं लिखा, किसने मना किया था? तिस पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी थी, है और रहेगी। इतना ही नहीं, रबी फसलों की बुआई से पहले ही केंद्र सरकार ने एमएसपी बढ़े हुए मूल्य पर तय कर दी गई।

Farmers Program JP Nadda

राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से फ्रूट्स को एपीएमसी एक्ट से बाहर रखने को कहा था। इतना ही नहीं, 2019 के चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने लिखा है कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देगी, मंडी की बंदिशों को ख़त्म करेगी और इशेंशियल कमोडिटी एक्ट को समाप्त करेगी। कांग्रेस लिखती रह गई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर के दिखा दिया। जब प्रधानमंत्री जी ने कृषि सुधारों को कर के दिखा दिया तो वह गलत कैसे हो गया जिसकी वकालत राहुल गांधी ने स्वयं की थी। पता नहीं चलता कि राहुल गांधी खुद बोलते हैं या उनसे बुलवाया जाता है। राहुल गांधी जी, आप किसानों के हितैषी हो या उन बिचौलियों के जो किसानों को परेशान करते हैं या आपको केवल अपने परिवार का ही हित दिखाई देता है?


इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और भारत का मस्तक गर्व से उंचा करने में सदैव महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आजादी के समय भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं था लेकिन हरित क्रांति के साथ जब देश के किसान जुड़े तो हमने अपनी आवश्यकता तो पूरी की ही, अब दुनिया के दूसरे देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति कर रहे हैं। जब-जब देश को आवश्यकता महसूस हुई है, किसानों ने आगे बढ़ कर इसमें भाग लिया और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान की। भारत की आत्मा गांवों और किसानों में बसती हैं लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने किसानों के हित में नीतियां बनाने में काफी उदासीनता बरती। किसानों के नाम पर कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों द्वारा राजनीति की गई, बड़ी-बड़ी बातें की गई लेकिन किसानों की स्थिति में परिवर्तन लाने वाला कोई बड़ा काम नहीं हुआ।

नड्डा ने कहा कि किसानों के नेता तो बहुत बने लेकिन किसानों की स्थिति में व्यापक बदलाव लाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। जिस दिन से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, उन्होंने किसानों की भलाई, उनके कल्याण एवं उनके उत्थान के लिए योजनाओं को एक के बाद एक करके लागू करना शुरू किया। जबकि पहले कांग्रेस पार्टी चुनाव आते ही कर्ज माफी का वादा कर वोट बैंक की राजनीति करने लगती थी लेकिन कांग्रेस ने यूपीए सरकार के 10 वर्षों में केवल एक बार किसानों का कर्ज माफ किया वह भी महज 55 हजार करोड़ रुपये के लगभग। इसमें भी घोटाले की ख़बरें आई और सभी किसानों को इसका लाभ भी नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी जगह किसानों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से देश के हर किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की ताकि किसान सम्मान के साथ खेती कर सकें। इसके तहत एक वर्ष में 92,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के अकाउंट में डाले गए।

Farmers Program JP Nadda

वहीं नड्डा ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण नहीं मिल पा रहा है लेकिन वहां भी अगले वर्ष चुनाव आने वाला है, तृणमूल सरकार की विदाई होने वाली है और पश्चिम बंगाल की जनता भारतीय जनता पार्टी को सेवा का मौक़ा देने वाली है। पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनते ही प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना लागू की जायेगी और किसानों को उनका हक़ दिया जायेगा।

वहीं नड्डा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान मन-धन योजना की शुरुआत की जिसके तहत अब तक लगभग पांच करोड़ किसान पंजीकृत हो चुके हैं और उन्हें 60 वर्ष की उम्र के बाद प्रति महीने तीन हजार रुपये का पेंशन मिलेगा। इसी तरह, फसल बीमा योजना से अब तक लगभग 9 करोड़ किसान रजिस्टर हुए हैं।


भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट और उनकी सिफारिशें यूपीए सरकार के दौरान धूल फांकती रही लेकिन किसानों के हित में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने का जिम्मा उठाया और पहली बार किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये की निधि से शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत योजना में भी एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार पर खर्च होने हैं। इसके तहत 10 हजार एफपीओ बनेंगे। अब किसान तय कर सकेंगे कि ये पैसे किस तरह खर्च हो। प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत स्थानीय कृषि उत्पादों की भी ग्लोबल ब्रांडिंग हो सकेगी। किसानों के बारे में पहली बार वास्तव में मौलिक चिंतन नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया।

तीन कृषि विधेयकों पर चर्चा करते हुए नड्डा ने कहा कि इन विधेयकों ने किसानों को सशक्त करते हुए देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट’ (One Nation, One Market) की अवधारणा को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में मील के पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि जब अन्य उद्यमियों को अपने प्रोडक्ट को कहीं भी बेचने की छूट है तो किसानों को उनकी फसल को किसी भी मंडी में बेचने की छूट क्यों नहीं? ये किसानों के साथ ज्यादती थी कि नहीं? कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार ने यह व्यवस्था दी कि किसान जहां चाहें, अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। वे किसी भी मंडी या मंडी के बाहर भी अपनी फसल बेच सकते हैं।