
नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। बता दें, मुस्लिम एक्टिविस्ट सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द होने के बाद से ही यूनिवर्सिटी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सफूरा जरगर के समर्थन में विरोध किया। इस दौरान गुस्साए छात्रों ने भड़काऊ नारे भी लगाए। छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान ”RSS की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर और ABVP की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर” जैसे नारे लगाए। सफूरा जरगर के समर्थन में छात्रों ने पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी करके अपना गुस्सा जाहिर किया। बता दें कि सफूरा जरगर ने सोशियोलॉजी में एडमिशन लिया था लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से इसे कैंसिल कर दिया है।
गौरतलब हो कि सफूरा जरगर, फरवरी साल 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों की आरोपी हैं। उसी साल अप्रैल में जरगर को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल जरगर जमानत पर बाहर हैं। सफूरा जरगर के गर्भवती होने के कारण और कोर्ट ने केंद्र सरकार के ये कहने के बाद कि उसे रिहाई दी गई कि उन्हें इसपर (रिहाई) कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि सफूरा को ये एक नियमित जमानत थी। इस शर्त के साथ सफूरा जरगर को जमानत दी गई कि वो अदालत की इजाजत के बिना दिल्ली के क्षेत्र को नहीं छोड़ेगी और जांच में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं डालेंगी।
जामिया में छात्रों के प्रदर्शन पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है। मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, ‘जामिया में दिल्ली दंगो की आरोपी के समर्थन में नारे लग रहे हैं. दंगो की शुरुआत जामिया से ही कुछ लोगों ने की थी। समय आ गया है जिहादी तत्वों को माँ सरस्वती के इस मंदिर से बाहर किया जाए। दिल्ली को खून से रंगने वालों को दुबारा सिर नहीं उठाने देंगे।’
जामिया में दिल्ली दंगो की आरोपी के समर्थन में नारे लग रहे हैं
दंगो की शुरुआत जामिया से ही कुछ लोगों ने की थी
समय आ गया है जिहादी तत्वों को माँ सरस्वती के इस मंदिर से बाहर किया जाए
दिल्ली को खून से रंगने वालों को दुबारा सिर नहीं उठाने देंगे
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 7, 2022
सफूरा ने सबमिट नहीं की थी थीसिस
सफूरा जरगर जामिया से सोशियोलॉजी में M.Phil कर रहीं है। पांच सेमेस्टर हो जाने के बावजूद जरगर ने अपनी थीसिस सबमिट नहीं की थी। यही वजह है कि उनका एडमिशन रद्द कर दिया गया। इस एडमिशन रद्द को लेकर जामिया प्रशासन का कहना है कि उनके प्रोजेक्ट सुपरवाइजर को उनकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगी। इसके अलावा सफूरा जरगर की तरफ से एक्सटेंशन के लिए भी अप्लाई नहीं किया गया था। कोरोना की वजह से एक अतिरिक्त छठा सेमेस्टर भी दिया गया था। वो भी 6 फरवरी को इसी साल खत्म हो गया है। इन सब वजहों के कारण ही सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द कर दिया है।