नई दिल्ली। मुंबई में तैनात अफगानिस्तान की डिप्लोमैट जाकिया वारडाक ने सोना तस्करी के आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने का कारण निजी मामला बताया है। अफगानिस्तान वाणिज्यिक दूतावास की कांसुलेट जनरल जाकिया वारडाक के पास से मुंबई एयरपोर्ट पर भारतीय राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने करीब 25 किलो सोना पकड़ा। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 18 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
सोना तस्करी के मामले में हालांकि जाकिया को गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि विदेशी राजनयिक होने के नाते जाकिया को डिप्लोमैटिक सुरक्षा मिली है, इसीलिए उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों में संबंधित देश को उनके खिलाफ एक्शन लेने की उम्मीद की जाती है। वहीं इस मामले में जाकिया का कहना है कि उनको बदनाम करने की कोशिश के तहत इस तरह के आरोप लगाए जा रह हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने देश की सेवा की, सकारात्मक बदलाव के लिए काम किया लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए अब मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का कठिन फैसला लिया है।
आपको बता दें कि ये घटना 25 अप्रैल की है, जब अफगानिस्तान की महिला राजनयिक जाकिया वारडाक अपने बेटे के साथ दुबई से मुंबई पहुंचीं। डीआरआई के अधिकारियों को सोने की तस्करी की खुफिया जानकारी मिली थी। ऐसे में डीआरआई ने अपने कई अधिकारियों को मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया था। जैसे ही महिला राजनयिक मुंबई एयरपोर्ट पर उतरकर एयरपोर्ट से बाहर निकल रहीं थी, तभी डीआरआई के अधिकारियों ने महिला राजनयिक और उनके बेटे को रोका। डीआरआई अधिकारियों ने राजनयिक से ऐसे सामान के बारे में पूछा जिस पर कस्टम ड्यूटी लगती हो तो राजनयिक ने ऐसा सामान अपने पास होने से मना कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने अलग लेकर उनकी तलाशी ली तो उनके पास से लगभग 25 किलो सोना मिला।