अजनाला। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के हौसले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। वो अब हिंसा की खुली धमकी देने लगा है। शनिवार को अमृतपाल सिंह ने मीडिया से कहा कि अगर कोई नारे लगाने या खालिस्तान का झंडा फहराने को हिंसा मान रहा है, तो उसने अब तक असली हिंसा नहीं देखी है। उसने आगे कहा कि जब आप वह (हिंसा) देखेंगे, तो उसे क्या कहेंगे। अमृतपाल ने ये भी कहा कि दबे कुचले लोग हिंसा चुनते हैं। उसने हिंसा को बुरा तो कहा, लेकिन साथ ही पवित्र भी बताया। अमृतपाल ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि जब आपके पास कोई विकल्प नहीं, तो तलवार थामना सही है। वहीं, अमृतपाल की तरफ से लगातार धमकियां देने के मामले में पंजाब में शासन कर रही आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि ऐसी ताकतों से निपटा जाएगा, जो पंजाब को काले दिनों में वापस भेजने की कोशिश कर रहे हैं।
अमृतपाल की धमकी की बात करें, तो उसने ये भी कहा कि पंजाब की संस्कृति और संसाधनों के हो रहे कथित दमन का आखिरी नतीजा सिर्फ हिंसा होगी। उसने भारत की संस्कृति पर भी सवाल खड़े किए। अमृतपाल ने सवाल दागा कि भारत का पहनावा और भारत का भोजन क्या है? खालिस्तान समर्थक अमृतपाल आगे बोला कि कोई भारतीय भोजन नहीं है। खुद को भारतीय कहना फर्जी है। हमें क्यों कहना चाहिए कि हम भारतीय हैं? उसने आगे कहा कि राष्ट्रवाद की डोर बहुत पतली है और कभी भी टूट सकती है।
अमृतपाल ने अपने धमकीभरे अंदाज को जारी रखते हुए कहा कि पंजाब के प्रशासन को किसी तरह की कार्रवाई से पहले अजनाला थाने पहुंचने वाले लोगों की संख्या और उनकी ताकत को ध्यान रखना चाहिए। उसने ये भी कहा कि खालिस्तान आंदोलन को विफल करने की किसी भी कोशिश का नतीजा नहीं निकलने वाला है। अमृतपाल ने साफ चुनौती दी कि केंद्र और पंजाब सरकार उसे रोक नहीं पाएगी। आगे खालिस्तान समर्थक ने ये भी कहा कि वो राजनीति नहीं करना चाहता। उसने कहा कि सिकंदर, मुगल और अंग्रेज इसे (खालिस्तान की मांग) कुचल नहीं सके। हिंदुस्तान भी दबा नहीं सकता। अमृतपाल ने दावा किया कि एक दिन पंजाब आजाद होगा। खालिस्तान की विचारधारा का सपना कभी नहीं मरेगा।