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Rajasthan Cabinet Expansion: आखिर झोपड़ी में रहने वाले बाबूलाल खराड़ी कैसे बने राजस्थान सरकार में मंत्री?, यहां जानें उनका पूरा सियासी सफरनामा

Rajasthan Cabinet Expansion: इसके बाद उन्हें 1995 में जिला परिषद सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 2000 में कोटड़ा के प्रधान बनाया गया था। वहीं, उनकी राजनीतिक मेहनत को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें विधायकी का टिकट दिया था, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में उन्हें जीत मिली।

नई दिल्ली। राजस्थान में आज मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने सभी विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। लेकिन इस बीच बाबू लाल खराड़ी को लेकर चर्चाओं का बाजार कुछ ज्यादा ही गुलजार हो चुका है। आखिर बाबू लाल खराड़ी ने किसान जैसे साधारण परिवार से होने के बावजूद कैसे राजनीति में जगह बनाई और ना महज अपनी जगह बनाई, बल्कि मंत्री सरीखे पद से भी विभूषित किए गए? आइए, आगे उनके सियासी सफर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बाबू लाल खराड़ी के घर मे पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं। बालू लाल की सादगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इतना पैसा होने के बावजूद अभी तक उनके पास पक्का मकान नहीं है। वो आज भी मिट्टी के मकान में ही रहना पसंद करते हैं। उनकी इस सादगी की चर्चा हर किसी की जुबां पर छाई रहती है। कई दफा खुद बीजेपी के नेता भी उनके इस सादगी का कायल होकर उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। आपको बता दें कि खराड़ी आरएसएस के खंड कार्यवाहक भी रह चुके हैं। इससे पहले वो निजी स्कूल में बतौर शिक्षक का कार्य भी कर चुके हैं।

खराड़ी की प्रतिबद्धता को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें कोटड़ा कोटड़ा मंडल युवा मोर्चा अध्यक्ष की कमान भी सौंपी थी। इसके बाद उन्हें 1995 में जिला परिषद सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 2000 में कोटड़ा के प्रधान बनाया गया था। वहीं, उनकी राजनीतिक मेहनत को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें विधायकी का टिकट दिया था, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में उन्हें जीत मिली। यही नहीं, 2021 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक भी बनाया गया था।