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Sharad Pawar : छत्रपति शिवाजी के बाद अब महाराष्ट्र की सियासत में संभाजी महाराज पर रार, बवाल के बाद बंट गया पवार परिवार

Sharad Pawar : एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले ने अजित का समर्थन किया है। इसके अलावा लोकसभा सांसद डॉक्टर अमोल कोल्हे ने भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के समर्थन की बात कही है।

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में मौजूदा समय में हालात बिगड़े हुए हैं। पहले छत्रपति शिवाजी महाराज के ऊपर विवाद हुआ था और अब छत्रपति संभाजी महाराज पर विवाद होता नजर आ रहा है। इस मामले में राज्य के बड़े राजनीतिक घराने पवार परिवार की राय बंटी नजर आ रही है। एक ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भतीजे अजित पवार की बात काटकर प्रतिक्रिया दी है। वहीं, उनकी बेटी अजित के बचाव में उतरी हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार को एनसीपी प्रमुख को शरद पवार ने कहा कि लोग संभाजी महाराज को ‘धर्मवीर’ या ‘स्वराज रक्षक’ कहने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के निधन के बाद जब हर जगह हमले हो रहे थे, तब संभाजी महाराज ने राज्य की बहादुरी से रक्षा की। उन्होंने कहा, ‘संभाजी महाराज का योगदान बहुत बड़ा है, तो उसपर कभी भी बहस नहीं की जानी चाहिए, उसे कोई मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है।’

विवाद पर क्या बोले अजित पवार

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नागपुर में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के नेता अजित ने साफ शब्दों में इशारा करते हुए कहा था, ‘हमने हमेशा छत्रपति संभाजी महाराज को स्वराज रक्षक के तौर पर बताया, लेकिन कुछ लोग उन्हें धर्मवीर बता रहे हैं। उन्हें धर्मवीर कहना सही नहीं है। संभाजी महाराज ने कभी भी विशेष धर्म का समर्थन नहीं किया। उनका बलिदान और काम राष्ट्रीय और समावेशी कल्याण के लिए सदैव किया गया था।’

वहीं इस पूरे मामले पे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले ने अजित का समर्थन किया है। इसके अलावा लोकसभा सांसद डॉक्टर अमोल कोल्हे ने भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के समर्थन की बात कही है। एनसीपी नेता ने कहा, ‘संभाजी महाराज ने कभी भी एक जाति और धर्म के लिए काम नहीं किया, बल्कि उनके काम सभी जातियों और धार्मिक लोगों के लिए थे। इसलिए उन्हें किसी एक धर्म में बांधना सही नहीं माना जाएगा।’