नई दिल्ली। आपको तो पता ही होगा कि पिछले कुछ दिनों से किस तरह ज्ञानवापी मस्जिद का मसला सुर्खियों में है। मसला कोर्ट में विचाराधीन है। सर्वे कराए जाने की तारीख मुकर्रर की जा चुकी है। सर्वे के बाद मस्जिद का सच हम सबके सामने होगा। इसके बाद आगे क्या कुछ कदम उठाए जाएंगे। यह देखना दिलचस्प रहेगा। लेकिन उससे पहले मस्जिद से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा स्थित ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराए जाने की मांग की गई है। इस संदर्भ में इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। अब एक जुलाई को इस पर सुनवाई होनी है। बता दें कि प्रार्थी मनीष यादव, महेंद्र प्रताप सिंह और दिनेश शर्मा ने याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने उक्त वादियों की याचिका को स्वीकार करते हुए ईदगाह मस्जिद की वीडियोग्राफी कराए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, याचिकाकर्ता मनीष यादव के वकील ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरे पक्ष के द्वारा मस्जिद के शिलालेखों को नष्ट किया जा सकता है। लिहाजा यह उचित रहेगा कि दोनों ही पक्षों की उपस्थिति में मस्जिद का सर्वे किया जाए, ताकि सच्चाई जगजाहिर हो सकें। उधर, उक्त संदर्भ में याचिकाकर्ता महेंद्र यादव का कहना है कि इससे पूर्व ईदगाह मस्जिद प्रकरण में 24 फरवरी 2021 को प्रार्थना पत्र दायर किया गया था।
वीडियोग्राफी के लिए कमिश्नर नियुक्त करने की भी मांग की गई थी। लेकिन प्लेस ऑफ बर्थ के कारण उक्त प्रकरण में कोई निर्णय नहीं लिया गया मगर अब एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। ऐसे में हमें पूरी उम्मीद है कि न्यायोचित निर्णय लिया जाएगा। वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील का कहना है कि अब तक इस मामले में कोर्ट में 10 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। मथुरा में दोनों ही धर्मों के धर्मस्थल हैं। ऐसे में वीडियोग्राफी की कोई आवश्यकता नहीं हैं। हालांकि, यह कटु सत्य भी है कि उन्हीं खुद पूरे प्रकरण की समझ नहीं है। बता दें कि इससे पहले इलाहबाद हाईकोर्ट की तरफ से याचिका दाखिल कर मथुरा हाईकोर्ट को नियत 4 माह में सभी याचिकाओं का निस्तारण करने का निर्देश दिया गया था। चलिए, अब हम आपको आगे पूरा माजरा तफलीस से बताते हैं कि आखिर पूरी वस्तुस्थिति क्या है।
आखिर क्या है पूरा माजरा ?
दरअसल, लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री ने इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मथुरा स्थित भगवान श्री कृष्ण के मंदिर के बगल में निर्मित ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की थी। इस प्रकरण को लेकर विगत 6 मई को सभी सुनवाई संपन्न की जा चुकी है। कथित तौर पर 1660-70 में औरंगजेब के निर्देश पर उक्त मस्जिद का निर्माण किया गया था। जिसे लेकर अब कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। अब इसे लेकर आगामी 19 मई को फैसला सुनाया जाएगा। खैर, अब इसे लेकर क्या कुछ फैसला लिया जाएगा। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। फिलहाल तो सियासी गलियारों में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहस का सिलसिला जारी है। कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सर्वे की तारीख मुकर्रर की जा चुकी है।