
नई दिल्ली। देश में पहले ही लोग कोरोना की मार से परेशान हैं। उपर से मंहगाई की मार उनके सिर पर बोझ बढ़ा रहा है। चाहे वो पेट्रोल-डीजल हो, खाने-पीने का सामान या फिर बाकी चीजें…सभी की बढ़ती कीमतें लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। पेट्रोल-डीजल के साथ ही सीएनजी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जिसके बाद इसका असर टैक्सी चलाने वालों पर भी पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच ऑटो-टैक्सी सेवा भी महंगी होने की संभावना बनी हई है।
दरअसल, पेट्रोल-डीजल और सीएनजीबढ़ी कीमतों के विरोध में टैक्सी यूनियनों ने विरोध शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एवं टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के बैनर तले ड्राइवरों के धरने से इसकी शुरूआत हो गई है। यूनियन सीएनजी की कीमतों में कटौती के लिए वैट घटाने की मांग कर रही है। यूनियन इसे लेकर 11 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय पर धरना करेंगे और फिर 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का भी ऐलान किया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि डीजल और सीएनजी की कीमतें बढ़ने से पर्यटकों की तरफ से बुकिंग बेहद कम हो गई है जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है।
रखी हैं ये मांग
● एसोसिएशन का कहना है कि लगातार कीमतों में आ रही बढ़ोतरी से टैक्सी चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार सीएनजी और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद को भी जीएसटी के दायरे में लेकर आए।
● इसके अलावा मांग ये भी है कि ओला-उबर जैसी टैक्सी का किराया भी दिल्ली सरकार द्वारा तय किया जाए। कहा जा रहा है कि सरकार अपने स्तर पर किराया निर्धारित करे।
● इसके अलावा सरकार सीएनजी पर संचालित बस और टैक्सी मालिकों को सब्सिडी देने की भी मांग की गई है।
● एसोसिएशन का कहना है कि सरकार पेट्रोल की तरह डीजल पर भी वैट को कम करे। फिटनेस के समय ली जाने वाली लेट फीस और जुर्माने को भी हटाया जाए।