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HMPV Cases In India: भारत में एचएमपीवी के मरीजों की संख्या बढ़कर 7 हुई, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात के बाद महाराष्ट्र के भी दो बच्चों में मिला वायरस

HMPV Cases In India: भारत में एचएमपीवी वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी 2 बच्चों में एचएमपीवी वायरस मिला है। महाराष्ट्र में एचएमपीवी वायरस के दोनों मामले नागपुर के हैं। यहां सर्दी और बुखार के कारण 14 साल की बच्ची और 7 साल के बच्चे को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। दोनों के टेस्ट में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है।

नई दिल्ली। भारत में एचएमपीवी वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी 2 बच्चों में एचएमपीवी वायरस मिला है। महाराष्ट्र में एचएमपीवी वायरस के दोनों मामले नागपुर के हैं। यहां सर्दी और बुखार के कारण 14 साल की बच्ची और 7 साल के बच्चे को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। दोनों के टेस्ट में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इससे पहले कर्नाटक में 2 बच्चों, तमिलनाडु में 2 और गुजरात के अहमदाबाद में 1 बच्चे में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई थी। आईसीएमआर एचएमपीवी के सभी मामलों पर नजर बनाए हुए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि इससे बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है।

एचएमपीवी वायरस की खोज साल 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। माना जाता है कि करीब 50 साल से ये वायरस लोगों को बीमार करता रहा है। एचएमपीवी वायरस के मरीज पहले अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फिनलैंड और नीदरलैंड में मिल चुके हैं। इस साल चीन के शहरों में एचएमपीवी से ग्रस्त पीड़ितों की बड़ी संख्या देखने को मिली है। खबरों के मुताबिक हर रोज हजारों लोग एचएमपीवी के कारण चीन के अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। चीन की सरकार ने हालांकि कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। फिर भी कोविड महामारी में जिस तरह दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान गई, उसके कारण आम तौर पर लोगों में एचएमपीवी वायरस का खौफ बैठा है।

एचएमपीवी का वायरस आम तौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर असर करता है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनमें भी एचएमपीवी वायरस असर करता है। एचएमपीवी वायरस के कारण तेज बुखार आता है। गले में खराश और फेफड़ों में कफ इकट्ठा होता है। गले से सीटी जैसी आवाज निकलती है। बिना मुंह ढंके छींकने और खांसने से एचएमपीवी वायरस फैलता है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से भी एचएमपीवी वायरस के प्रसार का अंदेशा बढ़ता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। साथ ही बार-बार हाथ धोना चाहिए। मरीज से दूरी भी बनानी चाहिए। एचएमपीवी का कोई टीका अब तक नहीं बना है। साथ ही एंटी वायरल दवाओं का भी इसके मरीजों पर असर नहीं होता है।