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New Patient Of HMPV In Gujarat: कर्नाटक में 2 बच्चों के बाद गुजरात में भी एचएमपीवी वायरस से ग्रस्त मरीज मिला, चीन में बड़े पैमाने पर फैलने के बाद भारत में दी है दस्तक

New Patient Of HMPV In Gujarat: चीन में एचएमपीवी वायरस के मरीजों से अस्पताल भर रहे हैं। वहीं, भारत में भी इसके मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती दिख रही है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा है कि एचएमपीवी वायरस इतना नहीं फैल रहा और उसकी हालात पर नजर है। आईसीएमआर ने एचएमपीवी वायरस से न घबराने को भी कहा है। ताजा खबर ये है कि कर्नाटक के 2 बच्चों में एचएमपीवी वायरस पाए जाने के बाद गुजरात में भी एक मरीज मिला है।

अहमदाबाद। चीन में एचएमपीवी वायरस के मरीजों से अस्पताल भर रहे हैं। वहीं, भारत में भी इसके मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती दिख रही है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा है कि एचएमपीवी वायरस इतना नहीं फैल रहा और उसकी हालात पर नजर है। आईसीएमआर ने एचएमपीवी वायरस से न घबराने को भी कहा है। ताजा खबर ये है कि कर्नाटक के 2 बच्चों में एचएमपीवी वायरस पाए जाने के बाद गुजरात में भी एक मरीज मिला है। अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में 2 महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस का संक्रमण मिला है। इस तरह खबर लिखे जाने तक देश में एचएमपीवी से ग्रस्त 3 मरीज मिल चुके हैं। कर्नाटक में पहले ही 3 और 8 महीने के बच्चे एचएमपीवी वायरस ग्रस्त मिले थे। इनमें से एक बच्चा स्वस्थ होकर अस्पताल से घर चला गया। दूसरे की हालत भी ठीक बताई जा रही है। दोनों के परिवार की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री भी नहीं है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने क्या बताया सुनिए।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी सबसे पहले साल 2001 में नीदरलैंड में मिला था। इसके बाद से तमाम मरीज दुनिया के अलग-अलग देशों में मिलते रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फिनलैंड और नीदरलैंड में एचएमपीवी के वायरस पीड़ित मरीज पहले भी मिले हैं। इस साल ठंड बढ़ने के साथ ही चीन में एचएमपीवी वायरस ने लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक छोटे बच्चों और बुजुर्गों में एचएमपीवी वायरस का ज्यादा असर देखा जाता है। जिनकी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनको भी एचएमपीवी वायरस से बीमार होने का खतरा रहता है। हालांकि, एचएमपीवी वायरस जानलेवा नहीं माना जाता, लेकिन कुछ मरीजों में ये सांस संबंधी गंभीर दिक्कत पैदा करता है। एचएमपीवी आरएनए आधारित वायरस है। इस तरह के वायरस में काफी बदलाव आते हैं। जिनके कारण ये बहुत संक्रामक और खतरनाक भी बन सकता है। ठीक उसी तरह जैसे नोवेल कोविड का डेल्टा वायरस बना था। कोविड के डेल्टा वायरस की वजह से दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान गई थी।

एचएमपीवी वायरस से ग्रस्त होने पर तेज बुखार आता है। इसके साथ ही गले और फेफड़ों में काफी कफ होता है। सांस लेने की नली से सीटी जैसी आवाज आती है। इससे बचाव के लिए मास्क पहनना और लगातार हाथ धोते रहना चाहिए। साथ ही खुले में छींकना, खांसना और थूकना भी नहीं चाहिए। कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह के बिना दवा नहीं लेनी चाहिए। एचएमपीवी वायरस का कोई टीका नहीं बना है। साथ ही एंटी वायरल दवा भी इसके मरीजों पर असर नहीं करती है। यानी सुरक्षा ही बचाव है।