
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ बोर्ड अधिनियम से जुड़े संशोधन प्रस्ताव को लेकर हो हल्ला मचा हुआ है। सरकार वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों में कटौती करते हुए वक्फ से जुड़ी संपत्तियों की जांच कराने वाली है। इसको लेकर विवाद मचा हुआ है। दरअसल, विवाद का कारण यह है कि वक्फ बोर्ड के पास छोटी-मोटी संपत्ति नहीं है। देश में रेलवे और सेना के बाद वक्फ बोर्ड के पास ही सबसे ज्यादा जमीन है। इतना ही नहीं पिछले 15 सालों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति दो गुनी हो गई है। मौजूदा समय में वक्फ बोर्डों के पास लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ में फैली संपत्ति है। इस संपत्ति में लगभग 8 लाख 72 हजार 321 अचल संपत्तियां हैं जबकि 16 हजार 713 चल संपत्ति हैं। इन चल और अचल संपत्तियों की कीमत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है। इतना ही नहीं यूपी में सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास ही है।
क्या होती है वक्फ संपत्ति?
वक्फ उस संपत्ति को कहा जाता है, जो इस्लाम के अनुयाई अपने धर्म के नाम पर दान कर देते हैं। इसमें चल और अचल दोनों ही तरह की संपत्तियां होती हैं। ‘वक्फ’ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से से लिया गया है। हिंदी में वकुफा का मतलब होता है ठहरना।
मोदी सरकार लाने जा रही संशोधन विधेयक
आपको बता दें कि मोदी कैबिनेट बैठक में वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद अधिनियम से जुड़ा संशोधन विधेयक केंद्र सरकार सदन में पेश करने वाली है। अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच कराई जाएगी और नियमानुसार संपत्ति का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक सदन से पास होने के पास बोर्ड के असीमित अधिकारों में भी कटौती हो जाएगी। मोदी सरकार ने अनुसार यूपीए सरकार के कार्यकाल में वक्फ को मिली असीमित शक्तियों को दुरुपयोग किया जा रहा है।