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President Election: शरद पवार के बाद फारुख अब्दुल्ला ने भी विपक्ष को दिखाया ठेंगा, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार से नाम लिया वापस

President Election: फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अपने एक बयान में कहा कि, “मैं ममता बनर्जी साहिबा द्वारा भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम प्रस्तावित करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव करने के बाद, मुझे विपक्षी नेताओं से मेरी उम्मीदवारी के समर्थन की पेशकश करने वाले कई फोन आए हैं”। 

नई दिल्ली। हिंदुस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। अगले महीने के 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों में अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर सुगबुगाहट नजर आ रही है। इसी कड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, जम्म कश्मीर से आने वाले नेश्नल कॉंफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति पद के संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार से अपना नाम वापस ले लिया है। अब इसके बाद आने वाले दिनों में पता चल पाएगा कि अब उनके राष्ट्रपति का चेहरा कौन होने वाला है। बता दें कि इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भी राष्ट्रपति के उम्मीद्वार से अपना नाम वापस ले लिया था।

sharad pawaar

फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अपने एक बयान में कहा कि, “मैं ममता बनर्जी साहिबा द्वारा भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम प्रस्तावित करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव करने के बाद, मुझे विपक्षी नेताओं से मेरी उम्मीदवारी के समर्थन की पेशकश करने वाले कई फोन आए हैं”।

Farookh Abdulla

फारुख अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति पद के लिए अपना नाम वापस लेने के लिए जम्मू कश्मीर के हालात का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है कि उनको इस बारे में विचार करने में के लिए अपने सहयोगियों के साथ कुछ दिन लग गए। देश के सर्वोच्च पद के लिए उन्हें जो समर्थन मिला है और सम्मानित किया गया है उसके लिए वो काफी कृतज्ञ हैं। नेश्नल कॉंफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने आगे कहा कि “मेरा मानना ​​है कि जम्मू कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय से उबरने में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है। मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति बाकी है और मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं।”