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Army Chief On Patrolling Pact With China: भारत-चीन के गश्त संबंधी समझौते पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान, कहा- देखना होगा कि…

Army Chief On Patrolling Pact With China: चीन से गश्त पर हुए समझौते के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बड़ा बयान दिया है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलएसी पर बनाए गए बफर जोन के बारे में अपनी राय दी है। सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा है कि हमें ये देखना होगा कि जो बफर जोन बनाए गए हैं, उनमें घुसपैठ न हो।

नई दिल्ली। चीन के साथ एलएसी पर पेट्रोलिंग यानी गश्त संबंधी हुए समझौते पर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान आया है। न्यूज मैगजीन इंडिया टुडे से बात करते हुए भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलएसी पर बनाए गए बफर जोन के बारे में अपनी राय दी है। सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा है कि हमें ये देखना होगा कि जो बफर जोन बनाए गए हैं, उनमें घुसपैठ न हो। उन्होंने कहा कि विश्वास बहाल हो जाएगा जब भारत और चीन एक-दूसरे को आश्वस्त करेंगे कि बफर जोन में घुसपैठ नहीं कर रहे।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत और चीन के बीच गश्त पर हुए समझौते के बारे में कहा कि हम अप्रैल 2020 की स्थिति पर जाना चाहते हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि फिर डिसएंगेजमेंट और डि एस्केलेशन के बारे में देखेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे ही गश्त शुरू होगी तो हम दोनों तरफ से भरोसा बनते देखेंगे। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गश्त के बारे में कहा कि ये अहम है। इससे दोनों ही पक्षों को गलतफहमी से बचने और पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है। जनरल द्विवेदी का ये बयान विदेश सचिव विक्रम मिसरी के सोमवार के उस बयान के बाद आया है कि एलएसी पर गश्त संबंधी समझौता चीन से हुआ है।

India vs China

भारत और चीन के बीच 2020 से तनातनी है। 15 जून की रात चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में घुसपैठ की कोशिश की थी। जिस पर भारतीय सैनिकों से उनका संघर्ष हुआ था। उस संघर्ष में चीन के कई सैनिक मारे गए थे। वहीं, भारत के कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवान भी शहीद हुए थे। इसके बाद से ही भारत और चीन की सेना एलएसी पर आमने-सामने तैनात हैं। 2020 से ही भारत की गश्त को कई जगह चीन ने रोका। वहीं, बदले में भारत की सेना ने भी चीन के जवानों को तमाम प्वॉइंट्स पर गश्त नहीं करने दी। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था। इस तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के राजनयिक और सेना के कमांडरों के स्तर पर कई बार बातचीत हुई है।