
छत्रपति संभाजी नगर। महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हिंदूवादी संगठनों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद वीएचपी ने औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकने की मांग की है। वीएचपी जहां औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर महाराष्ट्र भर में प्रदर्शन करने का एलान कर चुकी है। वहीं, बजरंग दल ने एलान किया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने औरंगजेब की कब्र को उखाड़ न फेंका, तो वो कारसेवा के जरिए मुगल बादशाह की कब्र का नाम-ओ-निशान मिटा देगा। औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजी नगर (पहले औरंगाबाद) से 30 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद में है।
#WATCH | Maharashtra | Security deployed at Aurangzeb’s Tomb in Chhatrapati Sambhajinagar
Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal have demanded the state government that Aurangzeb’s Tomb should be removed. pic.twitter.com/eWBHpI7HiW
— ANI (@ANI) March 17, 2025
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पहले बयान दिया था कि वो भी नहीं चाहते कि राज्य में औरंगजेब की कब्र रहे, लेकिन कांग्रेस की केंद्र सरकार के दौरान मुगल बादशाह की कब्र को एएसआई के सिपुर्द कर दिया गया। जिसकी वजह से औरंगजेब की कब्र को हटाना मुश्किल हो गया है। वहीं, बीते दिनों समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबु आजमी ने औरंगजेब की तारीफ के पुल बांधे थे। जिसकी वजह से उनको तो आलोचना के घेरे में आना ही पड़ा। साथ ही औरंगजेब के नाम पर सियासत भी काफी गर्मा गई। अबु आजमी को औरंगजेब मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र से निलंबित भी किया गया था। बाद में उन्होंने ये कहते हुए माफी मांगी कि अगर किसी का दिल दुखा है, तो उसके लिए वो क्षमाप्रार्थी हैं।
औरंगजेब के खिलाफ ताजा माहौल विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ के प्रदर्शन के बाद बना है। इतिहास के मुताबिक औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज पर बहुत जुल्म किए थे। औरंगजेब महाराष्ट्र और गोलकुंडा के बीच अपनी लाखों की सेना के साथ छत्रपति संभाजी महाराज को पकड़ने के लिए घूमता रहा। 9 साल बाद वो छत्रपति संभाजी महाराज को कुछ गद्दारों की वजह से पकड़ सका। फिर छत्रपति संभाजी महाराज पर अत्याचार किए और फिर उनके शव के टुकड़े कर तुलापुर में नदी में बहा दिया। औरंगजेब की मौत साल 1707 में महाराष्ट्र में ही हो गई थी। उसे खुल्दाबाद में दफनाया गया था।