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Arvind Kejriwal: ईडी की हिरासत से अरविंद केजरीवाल का एक और आदेश जारी, इस बार स्वास्थ्य विभाग को भेजा निर्देश

Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल के जल विभाग को दिए आदेश पर सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी ने इस आदेश को फर्जी बताया है। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के दफ्तर को हाईजैक किया गया है। सिरसा ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से ये मांग भी की थी कि इस आदेश की चिट्ठी की जांच कराई जाए।

नई दिल्ली। शराब घोटाला मामले में ईडी के हत्थे चढ़े दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का एक नया आदेश आया है। जानकारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने अब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को आदेश भेजा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल के आदेश के बारे में बताया कि सीएम ने मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति को लेकर आदेश दिया है। सुनिए सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा।

दो दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिल्ली की जल और वित्त मंत्री आतिशी को आदेश भेजा गया था। आतिशी को भेजे आदेश में अरविंद केजरीवाल की तरफ से कहा गया था कि राजधानी में लोगों की पेयजल और सीवर की दिक्कतों को जल्दी दूर कराया जाए। अरविंद केजरीवाल ने अपने आदेश में ये भी लिखा था कि मैं जेल में हो सकता हूं, लेकिन दिल्ली के लोगों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल का पहला आदेश दिखाया था।

अरविंद केजरीवाल के जल विभाग को दिए आदेश पर सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी ने इस आदेश को फर्जी बताया है। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के दफ्तर को हाईजैक किया गया है। सिरसा ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से ये मांग भी की थी कि इस आदेश की चिट्ठी की जांच कराई जाए। वहीं, सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि ईडी ये जांच कर रही है कि अरविंद केजरीवाल ने उसकी हिरासत में होते हुए आदेश कैसे जारी किया। इसकी वजह ये है कि अरविंद केजरीवाल को कम्प्यूटर वगैरा की सुविधा नहीं है। जबकि, आदेश बाकायदा कम्प्यूटर पर टाइप किया गया था।

अरविंद केजरीवाल ने जल विभाग को जो आदेश जारी किया था, उसमें कोई तारीख और सरकारी नंबर भी दर्ज नहीं था। जबकि, कोई भी सरकारी आदेश जारी होता है, तो उसमें एक खास नंबर और तारीख जरूर रहती है। इन दोनों के न होने के कारण ही सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी भेजी कैसे और किसके जरिए ये आतिशी तक पहुंची। अगर जांच में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो इससे अरविंद केजरीवाल के साथ ही आम आदमी पार्टी और आतिशी के लिए भी दिक्कत खड़ी हो सकती है।